पटना हाईकोर्ट ने चार न्यायिक अधिकारियों को निलंबित किया (पढ़ें अधिसूचना)
Shahadat
29 Oct 2020 5:30 PM IST
पटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार (20 अक्टूबर) और सोमवार (19 अक्टूबर) को एक आदेश जारी कर सूचित किया है कि इसने 4 न्यायिक अधिकारियों को निलंबित कर दिया है क्योंकि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित है।
पटना उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश में उल्लिखित नाम इस प्रकार हैं: -
1. राम सुजान पांडे - उप-न्यायाधीश-सह-सचिव, डीएलएसए, शेहर
2. त्रिभुवन नाथ - एडीजे, शेहर
3. संजीव कुमार चंद्रियावी - प्रधान मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय बोर्ड, पटना (सिविल जज सीनियर डिवीजन)
4. सविता रानी - प्रधान मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय बोर्ड, आरा में भोजपुर (सिविल जज सीनियर डिवीजन)
पटना उच्च न्यायालय का आदेश,
"जबकि, सरकारी अधिकारी (नाम और पदमान) के खिलाफ एक अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित है। अब इस स्थिति में माननीय न्यायालय, बिहार सरकारी नियम 9, जिसका उप-नियम (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के वर्गीकरण में (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 2005, अधिकारी (नाम और पदनाम) तत्काल प्रभाव से निलंबन में रहेंगे। जब तक कि जांच लंबित है या हेडक्वार्टर से कोई आदेश न आ जाए।"
आदेश में आगे कहा गया है,
"यह आदेश दिया जाता है कि इस अवधि के दौरान यह आदेश लागू रहेगा, जो कि न्यायिक अधिकारी (नाम और पदनाम) अनुमति प्राप्त किए बिना अपने स्टेशन से बाहर नहीं जाएंगे। हालांकि वह अधिकारी निलंबन अवधि के दौरान बिहार सेवा संहिता के नियम 96 के अनुसार, निर्वाह भत्ता पाने का हकदार होंगे।"
गौरतलब हो कि हिंदी समाचार पत्र 'दैनिक भास्कर' की रिपोर्ट के अनुसार, पटना उच्च न्यायालय ने उपरोक्त न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्ट आचरण के आरोपों के चलते यह सख्त कार्रवाई की है।
विशेष रूप से, उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्ण पीठ के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए और राज्य सरकार की सिफारिश पर उत्तराखंड सरकार ने एक नाबालिग लड़की (13 वर्षीय) को हरिद्वार, उत्तराखंड में उनके निवास पर घरेलू मदद के रूप में प्रताड़ित करने के लिए एक सिविल न्यायाधीश को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
उत्तराखंड सरकार ने बुधवार (21 अक्टूबर) को एक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि सरकार ने दीपाली शर्मा, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) (अंडर सस्पेंशन) को सेवा से हटा दिया है।
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