पटना हाईकोर्ट के जज ने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2020 चयन सूची को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

Shahadat

14 Jan 2023 5:11 AM GMT

  • पटना हाईकोर्ट के जज ने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2020 चयन सूची को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

    पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने 31वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2020 (BJSE) की बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित सेलेक्ट लिस्ट (अक्टूबर 2022 में जारी) और मैन एग्जाम रिजल्ट (फरवरी 2021 में जारी) रद्द करने की मांग वाली रिट याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।

    जस्टिस अहशानुद्दीन अमानुल्लाह ने इस तथ्य के कारण मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया कि वह भर्ती की काउंसलिंग प्रक्रिया का हिस्सा थे।

    नतीजतन, जस्टिस अहशानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने जस्टिस अमानुल्लाह को इसके सदस्य के रूप में नहीं रखते हुए मामले को किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश पारित किया।

    उल्लेखनीय है कि यह याचिका इस आधार पर दायर की गई है कि BPSC ने 1955 के नियम 15 (बी) के उल्लंघन में BJSE 2020 के मुख्य परिणाम जारी किए और इसके परिणामस्वरूप इंटरव्यू के लिए उन उम्मीदवारों को बुलाया जो प्रथम दृष्टया पात्र नहीं थे। 1955 के नियम 17 के अनुसार इंटरव्यू के लिए नियम और परिणाम घोषित लास्ट सेलेक्ट लिस्ट, जो कानून की नजर में टिकाऊ नहीं है।

    याचिका में बिहार सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) (भर्ती) नियम, 1955 के नियम 15 (बी) और क्लाज 4 (1) के सख्ती से पालन करते हुए BPSC को मुख्य परीक्षा नए सिरे से आयोजित करने और उसके परिणाम घोषित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

    9 मार्च, 2020 के विज्ञापन और उसके बाद नया इंटरव्यू आयोजित करें और नई सेलेक्ट लिस्ट घोषित करें और प्रकाशित करें।

    जो कुल 19 उम्मीदवारो BJSE 2020 के लिए उपस्थित हुए और इंटरव्यू का सामना किया, लेकिन फाइनल लिस्ट जगह पाने में विफल रहे, उन्होंने BPSC द्वारा सेलेक्ट लिस्ट प्रकाशित होने के बाद वर्तमान याचिका दायर की, जिसमें न्यूनतम योग्यता अंक/कट-ऑफ भी निर्दिष्ट किए गए हैं।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट पीके शाही एडवोकेट अमृत कुमार के साथ पेश हुए।

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