यदि बाद की सरकारी नौकरी सक्षम प्राधिकारी से अनुमति के साथ ली गई है तो पेंशन लाभ की गणना के लिए पिछली सेवा को जब्त नहीं किया जा सकता : मद्रास हाईकोर्ट

Avanish Pathak

23 May 2022 9:42 AM GMT

  • मद्रास हाईकोर्ट

    मद्रास हाईकोर्ट

    मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि एक इस्तीफे के कारण पिछले रोजगार की सेवा अवधि की जब्ती (forfeiture) नहीं होगी, यद‌ि इस्तीफा एक और सरकारी नियुक्ति के लिए उचित अनुमति के साथ पेश किया गया है। कोर्ट ने माना कि ऐसी परिस्थितियों में, तमिलनाडु पेंशन रूल्स, 1978 के तहत पेंशन लाभों की गणना के लिए पिछले रोजगार की सेवा अवधि को ध्यान में रखा जाएगा।

    जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम निदेशक, ग्रामीण विकास और पंचायत राज निदेशालय के आदेश और डिंडीगुल जिले के कलेक्टर के आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर विचार कर रहे थे। आक्षेपित आदेशों में पेंशन और अन्य मौद्रिक लाभों के लिए याचिकाकर्ता द्वारा की गई पिछली सेवा की गणना के दावे को खारिज कर दिया गया था।

    याचिकाकर्ता ने याचिका में पुरानी पेंशन योजना (सीपीएस) में बने रहने और सामान्य भविष्य निधि संख्या जारी करने की अनुमति देने की भी मांग की थी।

    तथ्य

    याचिकाकर्ता ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग में सहायक कार्यपालक अभियंता के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने 1993 से 2007 तक तमिलनाडु जल आपूर्ति और ड्रेनेज बोर्ड (TWAD) में जूनियर ड्राफ्टिंग ऑफिसर के रूप में कार्य किया, जिस दरमियान वे तमिलनाडु लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक अभियंता के पद पर भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुए।

    सहायक अभियंता पद पर चयन और नियुक्ति के बाद, उन्होंने जूनियर ड्राफ्टिंग ऑफिसर के पद से इस्तीफा दे दिया और खुद को TWAD बोर्ड से मुक्त कर दिया। याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि उसने चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए TWAD बोर्ड से पहले ही अनुमति ले ली थी।

    याचिकाकर्ता की शिकायत यह थी कि 1993 से 2007 तक TWAD में जूनियर ड्राफ्टिंग ऑफिसर के रूप में उनकी सेवा अवधि को पेंशन लाभ देने के लिए अर्हक सेवा अवधि नहीं माना गया।

    इस संबंध में एक आवेदन को ग्रामीण विकास और पंचायत राज निदेशालय ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्होंने TWAD बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था और भविष्य निधि के लिए खाता बोर्ड ने अलग से मेंटेन किया था। इसलिए याचिकाकर्ता के अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता है। .

    याचिकाकर्ता ने तमिलनाडु पेंशन रूल्स, 1978 के रूल 23 पर भरोसा किया। नियम निम्नानुसार बताता है:

    23. (1) किसी सेवा या पद से इस्तीफे के कारण पिछली सेवा की जब्ती होती है, बशर्ते कि इस्तीफा उचित अनुमति के साथ नहीं प्रस्तुत किया गया हो...

    याचिकाकर्ता ने नियम 23(1) की शर्त पर जोर दिया जो विशेष रूप से यह प्रावधान करती है कि जब भी इस्तीफा किसी अन्य नियुक्ति के लिए हो, और जिसके लिए उचित अनुमति भी ली गई हो।

    याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि सक्षम प्राधिकारी- TWAD बोर्ड के कार्यकारी अभियंता ने उन्हें 05.01.2007 की कार्यवाही के माध्यम से अनुमति दी थी। जब TWAD बोर्ड द्वारा अनुमति दी गई थी और उसके अनुसार, याचिकाकर्ता ने ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग में शामिल होने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया तो यह पिछली सेवा को जब्त नहीं करेगा।

    अदालत याचिकाकर्ता की बात से सहमत थी और संतुष्ट थी कि याचिकाकर्ता ने नियमों के तहत उचित अनुमति प्राप्त की थी। बोर्ड को पता था कि याचिकाकर्ता ने अनुमति प्राप्त कर ली है और चयन की प्रक्रिया में भाग लिया है। इसलिए, इस्तीफे को एक स्वतंत्र इस्तीफे के रूप में नहीं माना जा सकता है और इसे TWAD बोर्ड द्वारा दी गई अनुमति के परिणामस्वरूप माना जाना चाहिए। इस प्रकार, यह नियम 23 के तहत सेवाओं की जब्ती को आकर्षित नहीं करेगा, लेकिन नियमों के नियम 23(1) की शर्त के अंतर्गत आता है।

    इस प्रकार, अदालत ने प्रतिवादियों के आदेश को खारिज कर दिया और उन्हें पेंशन लाभ की गणना के लिए TWAD बोर्ड में याचिकाकर्ता की सेवा की अवधि पर विचार करने का निर्देश दिया।

    केस टाइटल: एसएसएस प्रहलादन बनाम सचिव और अन्य

    केस नंबर: WP (MD) No. 12810 of 2019

    सिटेशन: 2022 लाइव लॉ (Mad) 222

    फैसला पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

    Next Story