सुनवाई का अवसर जरूरी: राजस्थान हाईकोर्ट ने तहसीलदार को पोल्ट्री किसान को अपना फार्म शिफ्ट करने का आदेश देने से पहले उसे सुनने को कहा

Shahadat

13 May 2022 5:11 AM GMT

  • सुनवाई का अवसर जरूरी: राजस्थान हाईकोर्ट ने तहसीलदार को पोल्ट्री किसान को अपना फार्म शिफ्ट करने का आदेश देने से पहले उसे सुनने को कहा

    राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में तहसीलदार को पोल्ट्री किसान को अपने पोल्ट्री फॉर्म को कहीं और स्थानांतरित करने के लिए कहने से पहले उसे सुनने के लिए कहा।

    जस्टिस विनीत कुमार माथुर ने टिप्पणी करते हुए कहा:

    "Annex. 5 दिनांक 09.09.2016 के अवलोकन से पता चलता है कि याचिकाकर्ता को नोटिस पारित करने से पहले सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया। इस न्यायालय को लगता है कि चूंकि नोटिस 09.09.2016 के गलत परिणाम होंगे, इसलिए याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर देना आवश्यक है।"

    वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता पोल्ट्री फार्म का मालिक है। उसने याचिकाकर्ता को सुनवाई का उचित अवसर दिए बिना पोल्ट्री फार्म को स्थानांतरित करने के लिए तहसीलदार द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया।

    याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उसने पोल्ट्री फार्म चलाने के लिए सभी पात्रता और आवश्यक योग्यता और 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' का अनुपालन किया है।

    प्रतिवादी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के प्रावधानों के उल्लंघन में पोल्ट्री फार्म चला रहा है। उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता के पोल्ट्री फार्म पर निरीक्षण किया गया और कुछ कमियों को इंगित किया गया, लेकिन उक्त कमियों को दूर नहीं किया गया।

    अतः उन्होंने प्रस्तुत किया कि तहसीलदार द्वारा पोल्ट्री फार्म को मौजूदा स्थान से स्थानांतरित करने के लिए जारी किया गया नोटिस सही है।

    कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता गांव मुसलिया में 1998 से पोल्ट्री फार्म चला रहा है। इसके लिए 1998 में ही ग्राम पंचायत मुसलिया द्वारा "अनापत्ति प्रमाण पत्र" जारी किया गया था। इसके अलावा, यह दर्ज किया गया कि हालांकि, प्रतिवादी नंबर दो द्वारा जारी नोटिस दिनांक 09.09.2016 में यह उल्लेख किया गया कि राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निरीक्षण किया गया और कुछ कमियों को इंगित किया गया। यह नोट किया गया कि यद्यपि नोटिस का शीर्षक अनुबंध पर दिया गया है। दिनांक 09.09.2016 परन्तु याचिकाकर्ता को अपने पोल्ट्री फार्म को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का निर्देश जारी किया गया।

    उपरोक्त के मद्देनजर, अदालत ने याचिकाकर्ता को आज (गुरुवार) से दस दिनों की अवधि के भीतर प्रतिवादी नंबर दो तहसीलदार के समक्ष पेश होने और अपने मामले का समर्थन करने वाला विस्तृत प्रतिनिधित्व प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ रिट का निपटारा किया।

    प्रतिवादी नंबर दो को उसी पर विचार करने और याचिकाकर्ता को सुनवाई का उचित अवसर देने के बाद उसके प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया।

    केस टाइटल: मुमताज मो. बनाम जिला कलेक्टर पाली व अन्य

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