"चिंता का विषय है": मद्रास हाईकोर्ट ने निजी नर्सिंग होम, पॉलीक्लिनिक्स, अस्पतालों में COVID उपचार दरों पर राज्य सरकार से जवाब मांगा

LiveLaw News Network

22 May 2021 9:26 AM GMT

  • God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination

    मद्रास हाईकोर्ट

    तमिलनाडु राज्य के सभी निजी नर्सिंग होम, पॉलीक्लिनिक्स और अस्पतालों में मुफ्त COVID उपचार प्रदान किए जाने के लिए दायर याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।

    गुरुवार को चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी और जस्टिस सेंथिल राममूर्ति की पीठ के समक्ष उक्त याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद अदालत ने नोटिस जारी कर याचिका की प्रतियां महाधिवक्ता को भेजने का निर्देश दिया।

    राज्य को जवाब देने का निर्देश देते हुए, कोर्ट ने निर्देश दिया कि मामले पर सोमवार को सुनवाई की जाए।

    मद्रास हाईकोर्ट ने पहले भी निजी स्वास्थ्य संस्थानों में दी जाने वाली COVID दवा की दरों पर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने पिछली बार COVID संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की थी, जिसमें चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने ओवरचार्जिंग पर चिंता व्यक्त की थी और राज्य को 'कीमतों पर चेक' लगाने का निर्देश दिया था, क्योंकि नागरिकों को पेश आ रही कठिनाइयों में एक 'ज्यादा बिल' भी था।

    अदालत ने कहा, "दवा निजी अस्पतालों तक सीधे पहुंचती है, कीमतों पर रोक होनी चाहिए क्योंकि आम नागरिकों को पेश आ रही कठिनाइयों में से एक निजी अस्पतालों के महंगे ब‌िल हैं।"

    समाचार पत्रों की रिपोर्टों पर भरोसा करते हुए, याचिकाकर्ता ने बिस्तरों और अन्य सुविधाओं के लिए "अत्यावश्यक" आवश्यकता के आलोक में शुल्क की दरों पर रोक की आवश्यकता पर बल दिया है।

    एडवोकेट आर कृष्णमूर्ति ने निजी अस्पतालों में COVID इलाज के शुल्क पर केरल सरकार द्वारा लगाए गए हालिया कैप का हवाला दिया।

    इस पर, चीफ जस्टिस ने कई राज्यों द्वारा निजी अस्पतालों में मूल्य को सीमित करने के लिए किए गए उपायों की ओर इशारा किया, और 'अत्यधिक' मूल्य निर्धारण की कई घटनाओं की भी सूचना दी।

    माना जा रहा है कि सोमवार को इस मामले की सुनवाई की जा सकती है।

    मामला: डीआई नाथन बनाम मुख्य सचिव

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील: एडवोकेट आर कृष्णमूर्ति

    प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील: महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरम, विशेष सरकारी वकील ए. श्रीजयंती

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