रजिस्ट्रेशन के जरिए नागरिकताः आवेदन के लिए वैध विदेशी पासपोर्ट अनिवार्य नहीं
LiveLaw News Network
28 Feb 2020 10:06 AM IST
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि रजिस्ट्रेशन के जरिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए बिना वैध विदेशी पासपोर्ट के भी आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के लिए विदेशी पासपोर्ट की शर्त अनिवार्य नहीं है।
जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य ने कहा कि नागरिकता नियम, 2009 के प्रपत्र III में उल्लिखित पासपोर्ट की आवश्यकता को वैकल्पिक माना जाना चाहिए। यदि आवेदनकर्ता अधिकारियों को वास्तविक कारणों से कि क्यों वह पासपोर्ट पेश करने मे सक्षम नहीं है, संतुष्ट कर दे तो अधिकारियों के पास ऐसी आवश्यकताओं में छूट देने का अधिकार है।
वर्तमान मामले में बिस्मिल्लाह खान अपने पिता के साथ 1973 में भारत आए थे। भारतीय नागरिकता न दिए जाने के कारण उन्होंने कोर्ट में अर्जी दी। उन्होंने दलील दी कि पासपोर्ट की कॉपी जमा करने की अनिवार्य शर्त होने के कारण वह नागरिकता के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना था कि उनके पास वैध पासपोर्ट होना संभव नहीं है, क्योंकि उन्होंने संकट में भारत में शरण ली थी।
हालांकि भारत सरकार ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि नागरिकता अधिनियम की धारा 5 (1) (सी), नागरिकता नियमों 2009 के नियम 5, नियम 11 और नियम 12 के साथ पढ़ें, के प्रावधानों के अनुसार, फॉर्म III के तहत आवेदन किया जाना अनिवार्य है। याचिकाकर्ता के आवेदन के लिए अधिनियम की धारा 5 (1) (सी) के तहत विचार किया जाना चाहिए।
अदालत ने संबंधित नियमों और प्रपत्रों का उल्लेख करते हुए कहा-
"नियम 5 (1) (ए) के अनुसार, यदि आवेदन फॉर्म III के जरिए नहीं किया जाता है तो आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। ऐसे प्रावधान पासपोर्ट की उपलब्धता को अनिवार्य नहीं बनाते हैं।
नियम के साथ दिया गया प्रपत्र या नियम स्वयं उस कानून के प्रावधान को अधिरोहित नहीं कर सकता है, जिसके तहत उक्त नियम बनाया गया है, जो 1955 के कानून की धारा 5 (1) (सी) के तहत नागरिकता के आवेदन के लिए ऐसे अधिदेश को अनिवार्य नहीं करता है।
हालांकि ऐसे प्रावधान को फॉर्म में शामिल किया गया है, जिसका अनुपालन आवेदक को करना है, फिर भी कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि याचिकाकर्ता को पासपोर्ट के विवरणों समेत सभी प्रासंगिक विवरणों को, वैध विदेशी पासपोर्ट की प्रति के साथ, पेश करना अनिवार्य है, भले ही याचिकाकर्ता वैध कारणों से पासपोर्ट पेश कर पाने की स्थिति में न हो।
ऐसी परिस्थितियों में, यह नहीं कहा जा सकता कि पासपोर्ट और उसके विवरण पेश करने प्रावधान अनिवार्य प्रकृति का है और याचिकाकर्ता को पासपोर्ट की अनुपलब्धता के कारणों से उपयुक्त अधिकारियों को संतुष्ट करने में सक्षम होने की स्थिति में ऐसी आवश्यकता से छूट दी जानी चाहिए।
जब तक कि आवेदक को ऐसी छूट नहीं दी जाती है, तब तक एक वास्तविक व्यक्ति भी, जिसके पास सभी औपचारिक दस्तावेज हैं, वह लंबे समय से भारत में रह रहा है और भारत के निवासी से शादी कर भी चुके हैं, भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने में असमर्थ होगा।"
पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि ऑनलाइन आवेदन करने के प्रावधान के बावजूद, उन व्यक्तियों के लिए एक प्रावधान किया जाना चाहिए जिनके पास पासपोर्ट के सभी विवरण नहीं हैं और जिन्हें वैकल्पिक माना जाता है। उन्हें मैन्युअल आवेदन का प्रावधान दिया जाना चाहिए और उसे नागरिकता नियम, 2009 के नियम 5 के तहत वैध आवेदनों के रूप में माना जाना चाहिए।
अदालत ने सॉफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश भी दिया ताकि पासपोर्ट के साथ या बिना, दोनों ही स्थिति में ऑनलाइन आवेदन किया जा सके। पासपोर्ट पेश न करने की स्थिति में विस्तृत कारण भी दिया जा सके।
जजमेट डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें