आम लोग ही नहीं लीगल प्रोफेशनल भी कानूनी अवधारणाओं को ठीक से नहीं समझते, न्याय प्रणाली की स्पष्ट समझ आवश्यक: जस्टिस भंभानी

Avanish Pathak

25 Jan 2023 3:33 PM GMT

  • आम लोग ही नहीं लीगल प्रोफेशनल भी कानूनी अवधारणाओं को ठीक से नहीं समझते, न्याय प्रणाली की स्पष्ट समझ आवश्यक: जस्टिस भंभानी

    दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली सभी को प्रभावित करती है, लेकिन यह कैसे काम करती है यह बहुत कम लोगों को समझ में आता है।

    जस्टिस भंभानी ने आरोपी के जमानत के अधिकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि लोग अक्सर आश्चर्य व्यक्त करते हैं जब कुछ को अदालतों द्वारा जमानत दी जाती है। उन्होंने सवाल किया कि वास्तव में कितने लोग अवधारणा को समझते हैं और जमानत देने के साथ आने वाले प्रतिबंधों के बारे में जानते हैं।

    उन्होंने कहा,

    "अक्सर जब लोग अखबार में पढ़ते हैं तो आश्चर्य करते हैं कि 'अरे इस आदमी ने एक दुर्घटना में किसी को मार डाला और उसे अगले ही दिन जमानत मिल गई'। कई ऐसे अपराध हैं तो कानून के अनुसार जमानती हैं लेकिन हम में से कितने इसे समझते हैं। लोग अक्सर आश्चर्य करते हैं कि इस आदमी को जमानत मिल गई है...।"

    जस्टिस भंभानी ने आगे कहा कि हर किसी को न्याय प्रणाली की गहरी समझ की आवश्यकता नहीं हो सकती है लेकिन एक स्पष्ट समझ होनी चाहिए। उन्होंने कहा, आम लोग ही नहीं लीगल प्रोफेशनल भी कानूनी अवधारणाओं को ठीक से नहीं समझते, न्याय प्रणाली की स्पष्ट समझ आवश्यक है।

    "आपराधिक न्याय प्रणाली हर किसी को प्रभावित करती है। और बहुत कम लोगों के पास यह स्पष्ट समझ है, चाहे विशेषज्ञ हों या सामान्य व्यक्ति, कि आपराधिक न्याय प्रणाली कैसे संचालित होती है।"

    जस्टिस भंभानी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि वह भी एक किताब लिखना चाहते हैं लेकिन अभी तक ऐसा नहीं कर पाए हैं।

    उन्होंने कहा,

    "मुझे यह स्वीकार करना चाहिए कि मैं एक किताब लिखना चाहता हूं। वर्तमान में, मैं एक निश्चित अस्थायी विकलांगता से पीड़ित हूं। मेरी बेटी मुझे एक किताब लिखने के लिए प्रेरित कर रही है, लेकिन मैं अभी तक ऐसा नहीं कर पा रहा हूं। लेकिन एक दिन, मैं एक किताब लिखूँगा।"

    पूरा भाषण आप यहां सुन सकते हैं:



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