हाईकोर्ट के आदेशों के लिए "कोई सम्मान नहीं": कश्मीर के संभागीय आयुक्त और श्रीनगर के उपायुक्त के खिलाफ जमानती वारंट जारी

Avanish Pathak

22 Sep 2022 6:15 AM GMT

  • हाईकोर्ट के आदेशों के लिए कोई सम्मान नहीं: कश्मीर के संभागीय आयुक्त और श्रीनगर के उपायुक्त के खिलाफ जमानती वारंट जारी

    जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट अपने आदेशों की अवहेलना पर कड़ा रुख अपनाते हुए मंगलवार को संभागीय आयुक्त, कश्मीर और उपायुक्त, श्रीनगर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया।

    पिछले साल जिला विकास परिषद और पंचायत चुनावों के लिए किराए पर लिए गए होटल के मालिक के पक्ष में किराया जारी करने के संबंध में दोनों अधिकारी हलफनामा दाखिल करने और कोर्ट के समक्ष पेश होने में विफल रहे थे, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला ‌लिया।

    जस्टिस संजीव कुमार की पीठ होटल साइडिक पैलेस द्वारा अपने मालिक, गुलाम रसूल नदाफ के माध्यम से दायर अवमानना ​​​​याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें स्वीकार किए गए दायित्व को पूरा करने की मांग की गई थी।

    इससे पूर्व 9 फरवरी 2022 को प्रमंडल आयुक्त को याचिकाकर्ता के मामले पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। बाद में इस साल अगस्त में अदालत ने अधिकारियों को दो अलग-अलग हलफनामे दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का "अंतिम अवसर" दिया था, जिसमें विफल रहने पर दोनों को अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था।

    जब कोर्ट ने पाया कि दोनों अधिकारियों द्वारा दायर तथ्यों के बयान अलग-अलग हैं, तब कोर्ट ने कहा, "ऐसा लगता है कि एक से दूसरे पर जिम्‍मेवारी थोपने का प्रयास किया जा रहा है।"

    जस्टिस कुमार ने कहा कि उपायुक्त ने अपने जवाब हलफनामे में याचिकाकर्ता के होटल को किराए पर लेने से इनकार किया है, जबकि वित्तीय आयुक्त ने अन्यथा कहा है।

    अदालत ने यह भी कहा कि संभागीय आयुक्त के हलफनामे के अनुसार डीडीसी और पंचायत चुनावों के संबंध में किराए पर लिए गए होटल मालिकों को किराये के वितरण के लिए धन उपायुक्त के निस्तारण के लिए रखा गया है।

    कोर्ट ने कहा,

    "केंद्र शासित प्रदेश के दो अधिकारियों द्वारा उठाए गए विरोधाभासी रुख के मद्देनजर, वास्तविक स्थिति की व्याख्या करने के लिए दोनों को व्यक्तिगत रूप से पेश करने के लिए उन्हें कॉल करना आवश्यक है, ताकि इस अदालत के फैसले का अनुपालन न करने के लिए अवमानना ​​​​याचिका में आगे की कार्रवाई शुरू किया जा सके।"

    इसके अलावा, अदालत ने श्रीनगर के उपायुक्त को भी तीन सप्ताह के भीतर अदालत की रजिस्ट्री में 50 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।


    मंगलवार को अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ इस बात से नाराज थी कि 25 अगस्त, 2022 के आदेश का पालन नहीं किया गया था। 20,000 रुपये की राशि का जमानती वारंट जारी करते हुए जस्टिस संजीव कुमार ने आईजीपी, कश्मीर, श्रीनगर को जमानती वारंट को निष्पादित करने और संभागीय आयुक्त, कश्मीर, पांडुरंग के पोल और श्रीनगर के उपायुक्त, मोहम्मद एजाज असद की उपस्थिति इस साल 12 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख को अदालत में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

    अवज्ञा पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए, पीठ ने टिप्पणी की, "दोनों अधिकारी अवज्ञा करने के मोड में हैं और इस अदालत के आदेशों का कोई सम्मान नहीं है।"

    केस टाइटल: होटल साइडिक पैलेस बनाम पीके पोल

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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