यमुना के बाढ़ वाले इलाकों में कोई कंस्ट्रक्शन या रिहायश की इजाज़त नहीं, कब्रिस्तान के बहाने भी नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

Shahadat

29 Dec 2025 7:59 PM IST

  • यमुना के बाढ़ वाले इलाकों में कोई कंस्ट्रक्शन या रिहायश की इजाज़त नहीं, कब्रिस्तान के बहाने भी नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यमुना के बाढ़ वाले इलाकों में कोई कंस्ट्रक्शन या रिहायशी कब्ज़ा करने की इजाज़त नहीं है, भले ही ऐसा कब्ज़ा कब्रिस्तान या धार्मिक इस्तेमाल के बहाने ही क्यों न किया जा रहा हो।

    जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की डिवीजन बेंच ने कहा,

    "बाढ़ वाले इलाकों में लोगों को कब्रिस्तान या किसी और मकसद से अपने घर, मकान, शेड वगैरह बनाने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।"

    यह बात यमुना नदी के किनारे और बाढ़ वाले इलाकों में अवैध कंस्ट्रक्शन को रोकने के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कही गई।

    सुनवाई के दौरान, कोर्ट को नौ गजा पीर दरगाह और पास के कब्रिस्तान इलाके के पास ज़मीन के लगातार इस्तेमाल के बारे में भी बताया गया।

    जबकि कब्रिस्तान के केयरटेकर ने दावा किया कि ज़मीन कब्रिस्तान के लिए है और वक्फ बोर्ड को अलॉट की गई, याचिकाकर्ता ने कहा कि लगभग एक दशक पहले वहां कोई कब्रिस्तान नहीं था और सभी कंस्ट्रक्शन हाल ही में हुए हैं। इसके अलावा, उस जगह पर 100 से ज़्यादा परिवार रह रहे हैं।

    कोर्ट ने इस स्थिति को बहुत 'परेशान करने वाला' पाया क्योंकि "बड़े-बड़े पेड़ उखाड़ दिए गए हैं और ऐसा लगता है कि ज़मीन पर कंस्ट्रक्शन किया गया।"

    कोर्ट ने कहा कि वह इलाके में किसी भी कंस्ट्रक्शन या किसी भी परिवार को रहने की इजाज़त नहीं देगा और दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी और लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस को अगले एक हफ्ते के अंदर कब्रिस्तान की बाड़ लगाने का निर्देश दिया ताकि आगे कोई विस्तार न हो और उस इलाके में कोई और कब्ज़ा न हो।

    कोर्ट ने आदेश दिया,

    "इस इलाके में कोई नया कंस्ट्रक्शन नहीं किया जाएगा।"

    इसमें आगे कहा गया,

    "अगर कोई दफ़नाने का काम होना है तो वह बाड़ वाले इलाके के अंदर ही होगा और दफ़नाने के बाद किसी भी व्यक्ति को वहां रहने या ठहरने की इजाज़त नहीं होगी। यह इस कोर्ट द्वारा आगे दिए जाने वाले आदेशों के अधीन एक अंतरिम व्यवस्था होगी।"

    कोर्ट ने आगे सभी लोगों, जिसमें केयरटेकर भी शामिल है, उसको 10 जनवरी, 2026 तक ज़मीन खाली करने का आदेश दिया।

    इस मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी, 2026 को होगी।

    Case title: Shabnam Burney v. Union Of India And Ors

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