NEET 2022: राजस्थान हाईकोर्ट ने पुनर्मूल्यांकन की मांग वाली याचिका पर एनटीए से जवाब मांगा

Shahadat

26 Sep 2022 7:06 AM GMT

  • राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर ब्रांच
    राजस्थान हाईकोर्ट

    राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक कुमार गौर ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (अंडरग्रेजुएट) 2022 में उम्मीदवार के अंकों के पुनर्मूल्यांकन के निर्देश की मांग करने वाली याचिका पर जवाब मांगा है।

    याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उसने कुल 720 अंकों में से केवल 395 अंक प्राप्त किए हैं, जो उसके द्वारा की गई मैनुअल गणना के विपरीत है, जिसमें वह 400 से अधिक अंक प्राप्त कर रहा है।

    याचिका में कहा गया कि एनटीए ने याचिकाकर्ता के अंकों की गणना करने में घोर गलती की, क्योंकि वह कंप्यूटर आधारित गणना के अनुसार उसे दिए गए अंकों से कहीं अधिक स्कोर कर रहा है। याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता उन अंकों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं है, जो उसे ओएमआर शीट में किए गए प्रश्नों और उत्तरों के प्रयासों के अनुसार प्राप्त करने चाहिए।

    याचिका में उल्लेख किया गया कि याचिकाकर्ता की कठिनाई दोगुनी हो गई, क्योंकि ईएसआईसी ने फिर से एडमिशन नोटिस जारी किया, जिसमें उनके विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2022-2023 के लिए बीमित व्यक्तियों (आईपी) के बच्चों के लिए सीटें और कुल 438 सीटें आवंटित की हैं। इस उद्देश्य के लिए आरक्षित किया गया। याचिका में कहा गया कि यदि ईएसआईसी कोटे से संबंधित याचिकाकर्ता को सटीक अंक नहीं दिए जाते हैं, जो उसने बनाए हैं तो वह न तो काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले पाएगा और न ही ईएसआईसी द्वारा जारी एडमिशन प्रक्रिया में भाग ले पाएगा।

    याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता ने संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन व्यर्थ और अब उसे काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया गया।

    इसके अलावा, याचिका में आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता की ओएमआर शीट इस तथ्य की पुष्टि करती है कि उसके द्वारा भरे गए ओवल सटीक हैं, लेकिन याचिकाकर्ता की आंसर शीट को मनमाने ढंग से और जल्दबाजी में जांचा गया, जिससे उसका भविष्य दांव पर लग गया।

    इसके अलावा, याचिका में कहा गया कि यदि याचिकाकर्ता की ओएमआर शीट की पुनर्गणना की जाती है और उसे सही अंक आवंटित किए जाते हैं तो वह काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के उद्देश्य के लिए पात्र होगा और अब से वही उसे मेडिकल कॉलेज में एमिशन पाने के योग्य बना देगा।

    कोर्ट ने मामले को 28 सितंबर को सूचीबद्ध किया।

    याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट अभिषेक बी शर्मा पेश हुए।

    केस टाइटल: श्रेयांश दीक्षित बनाम भारत संघ

    केस नंबर: एस.बी. सिविल रिट याचिका संख्या 14196/2022

    Next Story