एनसीएलटी, बेंगलुरु ने एलायंस बिजनेस स्कूल और एलायंस यूनिवर्सिटी को एक सीलबंद कवर में अपने मिनट्स ऑफ बुक्स जमा करने का निर्देश दिया
Avanish Pathak
8 Jun 2022 11:49 AM IST
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु बेंच ने मधुकर जी अंगुर बनाम अभय गोविंद चेब्बी और अन्य में एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए एलायंस बिजनेस स्कूल (कंपनी) और एलायंस यूनिवर्सिटी की मिनट्स ऑफ बुक्स को दो सप्ताह के भीतर एनसीएलटी के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है और सुनवाई की अगली तारीख यानी 10 जून 2022 तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।
आदेश 25 मई 2022 को पारित किया गया था। बेंच में अजय कुमार वात्सवयी (न्यायिक सदस्य) और मनोज कुमार दुबे (तकनीकी सदस्य) शामिल थे।
पृष्ठभूमि
डॉ मधुकर जी अंगुर (आवेदक) एलायंस यूनिवर्सिटी के संस्थापक और चांसलर, एलायंस बिजनेस के प्रबंध निदेशक, एलायंस बिजनेस स्कूल (कंपनी) के मेजर शेयर होल्डर हैं। एलायंस यूनिवर्सिटी पर शासन के लिए आवेदक और उसके भाई-बहनों (सुधीर जी अंगुर और शैला चेब्बी) के बीच एक कानूनी विवाद छिड़ गया था। यूनिवर्सिटी की कीमत 1500 करोड़ से अधिक है।
आवेदक को कथित तौर पर अवैध रूप से एलायंस बिजनेस स्कूल कंपनी से उसके भाई-बहनों ने फर्जी इस्तीफे, शेयर ट्रांसफर लेटर और डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के फर्जी इस्तेमाल से 2015 और फिर 2016 में कथित तौर पर हटा दिया था।
24 सितंबर 2019 को कंपनी रजिस्ट्रार ने कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न और निदेशक पद को बदलने और कंपनी के निदेशकों और शेयरधारकों के रूप में अपने परिवार के सदस्यों को नियुक्त करने के लिए भाई-बहनों द्वारा अपलोड किए गए सभी फॉर्मों को 'दोषपूर्ण' घोषित किया था।
इसके अलावा, आवेदक को अभय चेब्बी (आवेदक के भतीजे), शैला चेब्बी और माला गौड़ा (आवेदक की बहनें) और कृष्णमोहन रमेनिनी (एलायंस बिजनेस स्कूल के पूर्व निदेशक) की ओर से कथित रूप से एलायंस बिजनेस स्कूल के नाम से पारित एक प्रस्ताव के जरिए भाई-बहनों ने एलायंस यूनिवर्सिटी के चांसलर के पद से हटा दिया था।
मौजूदा पार्टियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय, सुप्रीम कोर्ट और अन्य संबंधित अदालतों के समक्ष कई दीवानी और आपराधिक कार्यवाही लंबित है।
कार्यवाही
आवेदक ने अपने भाई-बहनों और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 241-242 और 59 के तहत कंपनी के खिलाफ उत्पीड़न और कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए एक कंपनी याचिका दायर की थी। आवेदक ने कहा कि उन्हें उनके भाई-बहनों (प्रतिवादियों) द्वारा एलायंस बिजनेस स्कूल कंपनी के निदेशक और प्रबंध निदेशक और एलायंस यूनिवर्सिटी के चांसलर के पद से अवैध रूप से हटा दिया गया था।
एनसीएलटी बेंच ने नोटिस जारी किया था और प्रतिवादी (आवेदक के भाई-बहन और उनके परिवार) को अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया था।
जब मामला 25 मई 2022 को सूचीबद्ध किया गया तो उत्तरदाताओं को सुनवाई की अगली तारीख यानी 10 जून 2022 तक यथास्थिति बनाए रखने और और अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया गया। साथ ही एलायंस बिजनेस स्कूल कंपनी और एलायंस यूनिवर्सिटी की मिनट्स ऑफ बुक 2 सप्ताह के भीतर ट्रिब्यूनल के समक्ष एक सीलबंद कवर में पेश करने का निर्देश दिया गया था।
केस टाइटल: मधुकर जी अंगुर बनाम अभय गोविंद चेब्बी और अन्य, सीपी नंबर 102/बीबी/2021