नारदा मामला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मौखिक दलीलों के लिए सुनवाई 13 सितंबर तक स्थगित की

LiveLaw News Network

16 Aug 2021 8:51 AM GMT

  • नारदा मामला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मौखिक दलीलों के लिए सुनवाई 13 सितंबर तक स्थगित की

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को नारदा घोटाला मामले से संबंधित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर हलफनामे के जवाब में महाधिवक्ता किशोर दत्ता द्वारा दायर प्रत्युत्तर को रिकॉर्ड में लिया।

    हलफनामे में कथित तौर पर 17 मई को राज्य में (सीबीआई कार्यालय के बाहर) टीएमसी के चार नेताओं की गिरफ्तार के बाद की कानून और व्यवस्था की स्थिति का विवरण दिया गया है।

    यह घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट द्वारा कलकत्ता हाईकोर्ट के 9 जून के आदेश को पलटने के बाद आया है, जहां बेंच ने उनके हलफनामों को रिकॉर्ड में लेने से इनकार करते हुए कहा था कि उन्होंने जवाब में अपनी दलीलों को रिकॉर्ड करने की मांग करने से पहले मामले में दलीलें पूरी होने का इंतजार किया।

    अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाईजे दस्तूर ने सोमवार को इस आधार पर मामले को 10 दिनों के लिए स्थगित करने के लिए अदालत की अनुमति मांगी कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कुछ महत्वपूर्ण मामलों में व्यस्त हैं।

    कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पांच सदस्यीय पीठ ने मौखिक बहस के लिए सुनवाई को 13 सितंबर को सुबह 11 बजे के लिए स्थगित कर दिया।

    सुनवाई के दौरान, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उन निर्देशों का संदर्भ दिया जो यह निर्धारित करते हैं कि त्वरित न्याय के अधिकार के हित में मौखिक बहस के लिए दिया गया समय सीमित होना चाहिए। इसके साथ ही यदि आवश्यक हो तो तर्कों वाला एक लिखित नोट संबंधित पक्षों द्वारा न्यायालय के समक्ष दायर करने कर सकते हैं।

    तदनुसार, न्यायालय ने संबंधित पक्षों से यथाशीघ्र मौखिक तर्क प्रस्तुत करने को पूरा करने को कहा।

    केस शीर्षक: सीबीआई एसीबी कोलकाता बनाम फिरहाद हकीम @ बॉबी हकीम और अन्य

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