NALSAR के पूर्व और वर्तमान छात्र-छात्राओं ने प्रवासी मजूदरों की यात्रा की व्यवस्था की, तूफान-प्रभावित बंगाल में भोजन और पानी का वितरण किया
LiveLaw News Network
6 Jun 2020 2:10 PM IST
नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च, हैदराबाद (NALSAR) के पूर्व और वर्तमान छात्र-छात्राओं ने प्रवासी मजूदरों को भोजन, पानी, सफाई की किट और घर तक यात्रा की व्यवस्था करने के लिए 25 लाख रुपए का फंड जुटाया है।
छात्र-छात्राओं ने इस काम के लिए कई सिविल सोसाइटी संगठनों और लोगों का सहयोग लिया है, जिनमें फूडशला फाउंडेशन भी शामिल है।
प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए उन्होंने निम्न परियोजनाओं पर कार्य किया है-
बेंगलुरु से रायपुर तक के लिए हावाई यात्रा की व्यवस्था की
इस परियोजना के तहत, 174 मजदूरों और उनके बच्चों, जिनमें कई छोटे बच्चे भी शामिल थे, को इंडिगो की फ्लाइट से बेंगलुरु से रायपुर पहुंचाया गया है।
यह कार्य लविंग माइग्रेंट वर्कर्स नेटवर्क (LMWN) और समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट (समर्थ) के सहयोग से किया गया है, जिसने इस हवाई यात्रा की व्यवस्था की। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी ने हवाई यात्रा के दरमियान मजदूरों के भोजन की व्यवस्था की।
NALSAR ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपने सहयोगियों को धन्यवाद दिया है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है-
"हमारी ट्रांसपोर्ट पार्टनरी, इंडिगो एयरलाइंस के सहयोग के बिना यह कार्य संभव नहीं था। इंडिगो स्टफ की संवेदनशीलता और व्यावसायिकता ने प्रवासी श्रमिकों की गरिमापूर्ण और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों में बहुत सहयोग किया। फ्लाइट व्यवस्थाओं के सफल समापन का श्रेय लगभग 50 पूर्व और वर्तमान छात्र के टीमवर्क का है, जिन्होंने दिन और रात एक कर यह सुनिश्चित किया कि यात्रियों को संक्रमण मुक्त और संकट रहित यात्रा कराई जा सके। हम शील त्रेहान, सी नंदकुमार, और सुहान मुखर्जी का विशेष रूप से धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने फ्लाइट की व्यवस्था करने के हमारे प्रयोसे में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन किया।"
आसींद से चित्रकूट तक बस यात्रा
इस परियोजना के तहत, 9 प्रवासी श्रमिक परिवारों, जिनमें 20 वयस्क और 25 बच्चे शामिल थे, के लिए
जय भीम विकास सेवा संस्थान के सहयोग से राजस्थान के भीलवाड़ा से उत्तर प्रदेश के चित्रकूट तक बस यात्रा की व्यवस्था की गई।
21 प्रवासी मजदूरों को केरल से झारखंड भेजा
ग्रुप ने केरल के अलुर में फंसे झारखंड के 21 प्रवासी मजदूरों को श्रमिक ट्रेनों से घर भेजा। यात्रा के दौरान, गूंज संगठन ने प्रवासी श्रमिकों को भोजन, ब्रेड, बिस्कुट और पानी की बोतलें दीं । झारखंड पहुंचने पर स्थानीय प्रशासन ने मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की सुविधा प्रदान की।
पश्चिम बंगाल में खाद्य सहायता प्रदान की
समूह ने बंगाल के तूफान प्रभावित 200 परिवारों को राशन किट उपलब्ध कराई, इस काम में बांग्ला संस्कृत मंच ने समूह का सहयोग किया है। समूह कोलकाता में नेशनल हॉकर फेडरेशन को कम्यूनिटी फूड किचन के लिए एक लाख रुपए का सहयोग प्रदान करने की प्रक्रिया में भी है।
सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर खाद्य सहायता
इस बात की जानकारी मिलने पर कि कुछ प्रवासी मजदूरा और उनके बच्चे ट्रेन से बेंगलुरु से नागपुर जा रहे हैं और उनके पास खाना नहीं है, सिकंदराबाद में वालंटियर्स ने यात्रियों को भोजन प्रदान करने के लिए सेंटर फॉर सोशल जस्टिस से संपर्क किया।
करीमनगर, तेलंगाना से बलांगीर, ओडिशा तक बस यात्रा
समूह ने तेलंगाना में एक ईंट भट्ठे के 29 कर्मचारियों और करीमनगर के सात बच्चों की से ओडिशा के बलांगीर तक बस यात्रा की व्यवस्था की।
शिलांग, मेघालय से चंदेल, मणिपुर तक की बस यात्रा की व्यवस्था
समूह ने शिलांग, मेघालय से चंदेल, मणिपुर तक 90 यात्रियों की व्यवस्था भी करवाई। उनके फंडरेज़र को मिलाप की क्राउडफंडिंग सेवाओं का सहायोग मिला।
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