हल्द्वानी कोर्ट ने 12 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोपी 73 वर्षीय व्यक्ति को जमानत देने से किया इनकार

Shahadat

21 May 2025 10:34 AM IST

  • हल्द्वानी कोर्ट ने 12 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोपी 73 वर्षीय व्यक्ति को जमानत देने से किया इनकार

    उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्पेशल POCSO कोर्ट ने 12 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोपी 73 वर्षीय व्यक्ति को जमानत देने से इनकार किया।

    FTC/एडिशनल जिला एवं सेशन जज (POCSO Act-2012 के तहत), हल्द्वानी, सुधीर तोमर ने आरोपी मोहम्मद उस्मान को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि पीड़िता ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 180 और 183 के तहत दिए गए अपने बयानों में अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन किया। साथ ही आरोपी, जिस पर गंभीर अपराध करने का आरोप है, जमानत पर रिहा होने पर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है।

    न्यायालय के आदेश में कहा गया कि पीड़िता ने BNSS की धारा 180 व 183 के तहत अपने बयानों में अभियोजन पक्ष की कहानी व FIR में वर्णित घटना का समर्थन किया। पीड़िता ने मेडिकल टेस्ट के दौरान डॉक्टर को दिए गए बयानों में भी स्वीकार किया कि आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति है, यदि उसे जमानत पर रिहा किया जाता है तो उसके साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना है।

    आरोपी की आयु 70 वर्ष से अधिक है। उस पर 12 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म जैसा जघन्य व जघन्य अपराध करने का आरोप है। आरोपी द्वारा किया गया अपराध गंभीर प्रकृति का है। जमानत का आधार पर्याप्त नहीं है।

    उल्लेखनीय है कि हिंदू बालिका से जुड़ी इस घटना ने नैनीताल में सांप्रदायिक तनाव व संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। यहां तक ​​कि हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन व एसएसपी पीएस मीना को आरोपी के कार्यालय वाले बाजार क्षेत्र में दुकानों व रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ रोकने में विफल रहने पर फटकार भी लगाई थी। न्यायालय ने हाल ही में बलात्कार मामले के सिलसिले में सोशल मीडिया पर जजों और वकीलों की ट्रोलिंग पर भी कड़ी नाराजगी जताई।

    आरोपी-उस्मान पर आरोप है कि उसने बाजार से घर जा रही पीड़िता को 200 रुपये का लालच देकर बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। उसके बाद चाकू की नोंक पर उसके साथ बलात्कार किया।

    लड़की ने घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी, जिसके बाद मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 65(1), 351(1), POCSO Act की धारा 3/4 और SC/ST Act की धारा 3(1)(बी)(आई), 3(वी)(आईआई) के तहत मामला दर्ज किया गया।

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