आर्य समाज ट्रस्ट ने कथित रूप से मुस्लिम लड़की का धर्म परिवर्तन किया; मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया, राज्य ने 'गंभीर' मुद्दा बताया

LiveLaw News Network

22 Jan 2022 6:20 AM GMT

  • आर्य समाज ट्रस्ट ने कथित रूप से मुस्लिम लड़की का धर्म परिवर्तन किया; मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया, राज्य ने गंभीर मुद्दा बताया

    Madhya Pradesh High Court

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (ग्वालियर बेंच) ने आर्य समाज विवाह मंदिर ट्रस्ट को धर्मांतरण के एक मामले में नोट‌िस जारी किया है। ट्रस्ट ने आर्य समाज मंदिर में कथित रूप से एक मुस्लिम लड़की को हिंदू धर्म में धर्मांतरित किया था।

    जस्टिस रोहित आर्य और जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने ट्रस्ट के पुजारी/प्रबंधक की कोर्ट में उपस्थिति की मांग की। राज्य की ओर से दलील द‌िया गया कि आर्य समाज मंदिर में धर्म परिवर्तन का मामला 'गंभीर' मुद्दा है।

    पृष्ठभूमि

    दरअसल राहुल @ गोलू नामक एक युवक ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की ‌थी। उसका आरोप था कि उसकी पत्नी हिना को पुलिस अधिकारियों ने मुरैना स्थित नारी सुधार गृह में अवैध रूप से बंद कर दिया है। उसने प्रार्थना की थी कि उसकी पत्नी को रिहा किया जाए।

    याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि हिना और उसके बीच संबंध थे। उन्होंने घर से भागने के बाद एक-दूसरे से विवाह किया था। इस मकसद से हिना ने मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया था। अपने दावे को साबित करने के लिए याचिकाकर्ता/पति ने 17.09.2019 को आर्य समाज सम्मेलन ट्रस्ट गाजियाबाद (यूपी) की ओर से जारी धर्मांतरण प्रमाण पत्र और विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।

    इसके अलावा, याचिका में कहा गया कि चूंकि हिना अपने घर से भाग गई थी क्योंकि उसके माता-पिता उन दोनों की शादी के खिलाफ थे, इसलिए उसके माता-पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। मामले में आईपीसी 1860 की धारा 363, 366, 376 और पोस्को एक्ट की धारा 5 और 6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

    इस मामले के संबंध में, अगस्त 2021 में उसकी पत्नी हिना ने पुलिस प्राधिकरण और बाद में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था, जिसमें उसने याचिकाकर्ता और उसके परिवार के साथ रहने की इच्छा दिखाई।

    हालांकि, बंदी प्रत्यक्षिकरण याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता के साथ रहने की इच्छा बावजूद उसे सितंबर 2021 में नारी निकेतन सुधार गृह और उसके बाद मुरैना स्थित नारी सुधार गृह में भेज दिया गया, जबकि आर्य समाज मंदिर में विवाह की तारीख तक नाबालिग नहीं थी।

    इस पृष्ठभूमि में याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि उसकी पत्नी वर्तमान में पुलिस अधिकारियों के अवैध कारावास में है और उसने अपनी पत्नी (कॉर्पस) को हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने की प्रार्थना की।

    कार्यवाही

    10 जनवरी, 2022 को, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने आर्य समाज विवाह को एक आवश्यक पक्ष होने का दावा करने के लिए समय मांगा था, हालांकि, 18 जनवरी, 2022 को, उन्होंने याचिका वापस लेने के लिए प्रार्थना की।

    इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में तथाकथित आर्य समाज विवाह मंदिर ट्रस्ट ने हिना खान नाम की लड़की का धर्म परिवर्तन कराया था, भले ही मंदिरों में इस तरह की गतिविधियां नहीं की जाती हैं।

    इसलिए, इसे एक गंभीर मामला बताते हुए, उन्होंने प्रार्थना की कि याचिकाकर्ता को इस याचिका को वापस लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, और इसके बजाय, न्यायालय को अपने अधिकार क्षेत्र को लागू करना चाहिए और तथाकथित आर्य समाज विवाह मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी करना चाहिए।

    राज्य की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने निम्नलिखित आदेश जारी किया:

    " आर्य समाज विवाह मंदिर ट्रस्ट (पंजीकृत)...को पंजीकृत डाक के जर‌िए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया जाता है, साथ में एक नोट भेजा जाए कि उक्त मंदिर के पुजारी/प्रबंधक नोटिस में उल्लिखित तिथि पर व्यक्तिगत रूप से या किसी अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित रहेंगे।

    केस शीर्षक - राहुल उर्फ ​​गोलू बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य


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