मुंबई कोर्ट ने जावेद अख्तर द्वारा दायर मानहानि मामले को स्थानांतरित करने की मांग करने वाली कंगना रनौत की याचिका खारिज की

LiveLaw News Network

21 Oct 2021 11:00 AM GMT

  • मुंबई कोर्ट ने जावेद अख्तर द्वारा दायर मानहानि मामले को स्थानांतरित करने की मांग करने वाली कंगना रनौत की याचिका खारिज की

    मुंबई की एक अदालत ने गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर मानहानि के मामले को अंधेरी की अदालत से बाहर स्थानांतरित करने की अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका खारिज कर दी।

    अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस.टी. दांडे ने ट्रायल जज आरआर खान के खिलाफ पक्षपात का आरोप लगाने वाली कंगना रनौत की याचिका खारिज कर दी। कंगना ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने "उनका इस अदालत से विश्वास उठ गया है।"

    पिछली सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने रनौत के आरोपों पर मजिस्ट्रेट आरआर खान से एक गोपनीय रिपोर्ट में उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी।

    अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दांडे ने बुधवार को रनौत के लिए पेश हुए एडवोकेट रिजवान सिद्दीकी और अख्तर के लिए पेश हुए एडवोकेट जय भारद्वाज को सुना।

    सिद्दीकी ने तर्क दिया कि न्यायाधीश लगातार रनौत को निर्देश दे रहे हैं कि वह अपनी 'याचिका' दर्ज करने के लिए अदालत में मौजूद रहें और अगर ऐसा है तो उनके खिलाफ मुकदमा शुरू करें। उन्होंने दावा किया कि यह मानहानि का एक साधारण मामला है, जो गैर-संज्ञेय, जमानती और कंपाउंडेबल है. इसलिए याचिका द्वारा वह आरोपों को स्वीकार या अस्वीकार करेंगी। उनकी अनुपस्थिति में रिकॉर्ड आसानी से दर्ज किया जा सकता है।

    सिद्दीकी ने आगे कहा कि रनौत का प्रतिनिधित्व एक वकील के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है, जो उनकी ओर से औपचारिकताएं पूरी करेगा। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मजिस्ट्रेट ने रनौत के खिलाफ अनुचित टिप्पणी की और गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

    अख्तर के लिए पेश हुए एडवोकेट जय भारद्वाज ने तर्क दिया कि रनौत जानबूझकर अदालत की सुनवाई से गायब हैं। यही वजह है कि सीआरपीसी की धारा 204 के तहत अख्तर की निजी शिकायत पर अदालत द्वारा संज्ञान लेने के बाद उनकी याचिका सीआरपीसी की धारा 251 के तहत दर्ज नहीं की जा सकी।

    उन्होंने दावा किया कि मामले के प्रक्रियात्मक पहलुओं को पहले ही रनौत द्वारा रिवीजनल कोर्ट के समक्ष डिंडोशी में (एक पुनर्विचार याचिका के माध्यम से) और बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष खारिज होने वाली याचिका के माध्यम से असफल रूप से चुनौती दी गई।

    भारद्वाज ने कथित मानहानिकारक ट्वीट्स का हवाला दिया, जो लगातार मानहानि के समान हैं। साथ ही यह तथ्य कि शिकायतकर्ता एक वरिष्ठ नागरिक होने के कारण सुनवाई की प्रत्येक तारीख पर पेशी से उपस्थित रहे हैं।

    पृष्ठभूमि

    गीतकार जावेद अख्तर ने 19 जुलाई, 2020 को आरोप लगाया कि रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी के साथ अपने साक्षात्कार में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत में उनका नाम खींचकर उनकी "बेदाग प्रतिष्ठा" को नुकसान पहुंचाया।

    अख्तर की शिकायत पर एक पुलिस जांच के बाद एक फरवरी को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने रनौत के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 204 के तहत प्रक्रिया जारी की और उसे अपनी याचिका दर्ज करने के लिए एक मार्च को पेश होने का निर्देश दिया।

    20 सितंबर को रनौत आखिरकार अंधेरी अदालत के सामने पेश हुई, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ सका, क्योंकि उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष मामले को स्थानांतरित करने की मांग की थी।

    केस शीर्षक: कंगना रनौत बनाम महाराष्ट्र राज्य

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