मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने के मामले में MLA अबू आजमी को मिली अग्रिम जमानत
Shahadat
12 March 2025 9:58 AM IST

मुंबई के सेशन कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के विधायक (SP MLA) अबू आसिम आजमी को अग्रिम जमानत दी। उन पर मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने और उन्हें 'अच्छा प्रशासक' कहने के लिए आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।
एडिशन सेशन जज वीजी रघुवंशी ने 20,000 रुपये के मुचलके पर आजमी को अग्रिम जमानत दी। अदालत का विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं कराया गया।
आजमी 3 मार्च को महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर मीडिया कर्मियों से बात करने के बाद राजनीतिक विवाद में फंस गए, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर औरंगजेब की 'प्रशंसा' करते हुए कहा कि वह 'अच्छा प्रशासक' था और उसके शासन के दौरान, भारत को 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि औरंगजेब के शासन के दौरान, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 24 प्रतिशत था। इसी वजह से अंग्रेज भारत आए थे।
इसके अलावा, अपने आवेदन के अनुसार, आज़मी ने मीडिया इंटरव्यू में यह भी कहा कि उन्होंने औरंगज़ेब के बारे में जो कुछ पढ़ा और देखा है, उसके अनुसार "वह एक ऐसा शासक था, जिसने प्रशासन से एक भी रुपया नहीं लिया। उसके शासन के दौरान भारत की सीमाएं बर्मा और अफ़गानिस्तान तक पहुंच गईं। उसके समय में लोगों के घरों में सोना था, जिसकी वजह से अंग्रेज़ भारत आए।"
आज़मी ने आगे कहा,
"औरंगज़ेब की सेना में हिंदू कमांडर थे और उसके द्वारा लड़ी गई लड़ाइयां हिंदू और मुसलमानों के बीच नहीं थीं।"
4 मार्च को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में आज़मी के खिलाफ़ दर्ज की गई FIR में आरोप लगाया गया कि उन्होंने कथित तौर पर मीडिया कर्मियों से कहा कि "भारत में सत्तारूढ़ पार्टी इस देश में मुसलमानों को नष्ट करना चाहती है, जिससे वे हिंदू और मुस्लिम धर्मों के बीच तनाव पैदा कर रहे हैं।"
शिकायतकर्ता - शिवसेना पार्टी की कार्यकर्ता किरण नकटी ने आरोप लगाया कि आज़मी ने हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और वर्तमान में भारत में सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी को भी बदनाम किया है।
नकटी ने अपनी FIR में कहा,
"वास्तव में औरंगजेब ने हिंदू मंदिरों को नष्ट किया, गरीबों पर अन्याय और अत्याचार किया। उसने छत्रपति शंबाजी महाराज को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के लिए 40 दिनों तक प्रताड़ित किया। उसका शासन भारत के इतिहास में एक काला अध्याय है। इसके बावजूद औरंगजेब की प्रशंसा करके आवेदक ने हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। सत्तारूढ़ राजनीतिक दल को भी बदनाम किया।"
इसके अनुसार, आजमी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 (धार्मिक विश्वासों का अपमान), 302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 356 (1) और (2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है कि उनके बयानों के तुरंत बाद आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। सदन में रोजाना भारी हंगामा हो रहा है, जिसमें सत्तारूढ़ विधायक आजमी को पांच साल की अवधि के लिए निलंबित करने की मांग कर रहे हैं।