एमपी हाईकोर्ट ने पुरुष, महिला, विचाराधीन कैदियों और दोषियों को अलग-अलग जेलों में रखने की व्यवस्था पर राज्य से जवाब मांगा

LiveLaw News Network

2 Oct 2021 8:41 AM GMT

  • एमपी हाईकोर्ट ने पुरुष, महिला, विचाराधीन कैदियों और दोषियों को अलग-अलग जेलों में रखने की व्यवस्था पर राज्य से जवाब मांगा

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को जेल और सुधार सेवा महानिदेशक (मध्य प्रदेश) से जेल की स्थिति रिपोर्ट मांगी। इस रिपोर्ट में पुरुष और महिला कैदियों के साथ-साथ विचाराधीन और दोषी कैदियों को अलग-अलग जेलों में रखने की व्यवस्था का उल्लेख किया गया है।

    न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश मप्र आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) के तहत दर्ज अपराध के संबंध में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

    आरोप लगाया गया कि आवेदकों, रोमा कंजर और हेमलता कंजर के कब्जे से 600 थोक लीटर शराब बरामद की गई। हालांकि, उन्होंने उक्त आरोपों से इनकार किया।

    महत्वपूर्ण रूप से आवेदकों के वकील द्वारा यह प्रस्तुत किया गया था कि वे 27 जुलाई, 2021 से दतिया जेल में हैं। एक महिला होने के नाते उसके लिए महिला और पुरुष अपराधियों / विचाराधीन कैदियों के रूप में जेल की हिरासत में रहना बहुत कठिन है। फिर भी उसे उसी परिसर में जेल की हिरासत में रखा गया है।

    यह भी तर्क दिया गया कि जांच और ट्रायल में अपना समय लगेगा। चूंकि आवेदक महिला हैं और वे 27/7/2021 से हिरासत में हैं, इसलिए यह प्रार्थना की गई कि उन्हें जमानत दी जाए।

    इस पृष्ठभूमि में जमानत आवेदन को स्वीकार किया गया। यह निर्देश दिया गया कि उनमें से प्रत्येक को 1,00,000/- रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा किया जाए।

    हालांकि, मामले से अलग होने से पहले अदालत ने महानिदेशक, जेल और सुधार सेवा (एमपी) से जेल की स्थिति रिपोर्ट मांगी। इसमें पुरुष और महिला कैदियों के साथ-साथ विचाराधीन और दोषी कैदियों को अलग जेल में रखने के लिए व्यवस्था की गई।

    राज्य को एक महीने की अवधि के भीतर इस न्यायालय के प्रधान रजिस्ट्रार के समक्ष उपरोक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया, जिसे बदले में इसे प्रशासनिक पक्ष में रखने का निर्देश दिया गया।

    कोर्ट ने निर्देश दिया कि आदेश की प्रति संबंधित ट्रायल कोर्ट के साथ-साथ राज्य के वकील को आवश्यक अनुपालन के लिए भेजी जाए। रजिस्ट्री को आदेश के अनुपालन के लिए महानिदेशक, जेल और सुधार सेवा (एमपी) को आदेश देने के लिए कहा गया।

    केस का शीर्षक - रोमा कंजर और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य

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