मोटर वाहन अधिनियम: दिल्ली हाईकोर्ट ने यातायात उल्लंघनों का पता लगाने के लिए तकनीक अपग्रेड के लिए दायर याचिका पर नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

21 Dec 2021 9:51 AM GMT

  • मोटर वाहन अधिनियम: दिल्ली हाईकोर्ट ने यातायात उल्लंघनों का पता लगाने के लिए तकनीक अपग्रेड के लिए दायर याचिका पर नोटिस जारी किया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में मोटर वाहन अधिनियम के तहत यातायात उल्लंघन की निगरानी के लिए पर्याप्त तकनीकी बुनियादी ढांचे की मांग वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया।

    सोनाली करवासरा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 के कुशल कार्यान्वयन में कई खामियां हैं, जिससे यातायात उल्लंघन का पता लगाने के लिए अधिकारियों द्वारा उपयोग की जाने वाली पुरानी तकनीकों के कारण यातायात उल्लंघन होने पर आम जनता पर भारी जुर्माना लगाया जाता है।

    व्यक्तिगत रूप से पेश हुए याचिकाकर्ता ने कहा,

    "मैं अधिनियम को लागू किए जाने और इसके बारे में लाए गए परिवर्तनों के लिए तैयार हूं, लेकिन अधिनियम के तहत भारी जुर्माना लगाया जाता है, इसलिए, तकनीक को उस स्तर तक अपग्रेट करने की आवश्यकता है। अन्यथा, लोग ठगा हुआ महसूस करते हैं।"

    मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने सड़क परिवहन मंत्रालय और दिल्ली सरकार के माध्यम से भारत संघ को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही मामले को 28 मार्च, 2022 को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया गया।

    याचिका में आरोप लगाया गया कि यातायात नियमों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए बुनियादी ढांचा और देश में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का मानकीकरण नहीं किया गया। इसके कारण कई उदाहरण सामने आए हैं। इसमें दोषपूर्ण उपकरण और तकनीक के कारण यातायात पुलिस द्वारा निर्दोषों पर भारी जुर्माना जारी किया गया।

    याचिका में आगे कहा गया,

    "स्पीड लिमिट के उल्लंघन का पता लगाने वाली तकनीक, नशे में गाड़ी चलाने वाली सांस विश्लेषण तकनीक और रेड-लाइट उल्लंघन तकनीक बदलते समय के अनुसार नहीं हैं, जो पहले से उपयोग में हैं और किसी भी मानक की कमी से ग्रस्त हैं। इसके बजाय भारत में यातायात के लिए अपग्रेड तकनीक की आवश्यकता है।"

    इस संदर्भ में याचिकाकर्ता ने एक घटना का उल्लेख किया, जहां एक व्यक्ति को एक लाल बत्ती जंप करने के लिए चार बार चालान किया गया था।

    याचिकाकर्ता ने कहा,

    "यह गलत है कि एक कार पांच सेकंड के भीतर एक लाल बत्ती को चार बार पार कर सकती है। हालांकि, इस चालान के लिए उक्त व्यक्ति के पास चालान का भुगतान करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है, क्योंकि इसे अदालत में चुनौती देने का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।"

    इसके अलावा, यह तर्क दिया जाता है कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 के कुशल कार्यान्वयन के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप यातायात उल्लंघनों की निगरानी में उपयोग की जाने वाली तकनीक के मानकीकरण और उचित दिशानिर्देशों/नियमों को सुनिश्चित करना समय की आवश्यकता है। इसमें यातायात उल्लंघन के लिए भारी जुर्माना लगाया गया है।

    याचिका में कहा गया,

    "निर्दोष नागरिक अपग्रेड बुनियादी ढांचे में निहित कमियों के शिकार हो गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार बड़े पैमाने पर जनता पर असमान जुर्माना लगाया गया है।"

    केस शीर्षक: सोनाली करवासरा बनाम भारत संघ और अन्य।

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