मोरबी ब्रिज हादसा | जिला बार एसोसिएशन ने अभियुक्तों का प्रतिनिधित्व करने के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया

Shahadat

2 Nov 2022 7:53 AM GMT

  • मोरबी ब्रिज हादसा | जिला बार एसोसिएशन ने अभियुक्तों का प्रतिनिधित्व करने के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया

    मोरबी बार एसोसिएशन ने मंगलवार को सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर अपने सदस्य वकीलों को मोरबी ब्रिज ढहने की घटना से जुड़े किसी भी आरोपी का प्रतिनिधित्व नहीं करने के लिए कहा है। इस हादसे में 130 से अधिक लोगों की जान गई है।

    ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए इस ब्रिज को मार्च से ही जीर्णोद्धार के लिए बंद कर दिया गया था। रविवार की रात पुल टूटने से ठीक चार दिन पहले इसे जनता के लिए फिर से खोला गया था।

    लाइव लॉ से बात करते हुए राजकोट जिला एसोसिएशन के सदस्य ने भी पुष्टि की कि उन्होंने इस घटना में शामिल आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने के खिलाफ मोरबी बार एसोसिएशन के प्रस्ताव के समान प्रस्ताव पारित किया है।

    मोरबी बार एसोसिएशन का प्रस्ताव में कहा गया:

    "मोरबी ब्रिज हादसे मामले से एसोसिएशन के सभी वकील बेहद दुखी हैं... हमने फैसला किया कि मोरबी बार एसोसिएशन से जुड़ा कोई भी वकील इस घटना में शामिल किसी भी आरोपी के वकील के रूप में काम नहीं करेगा।"

    इस मामले में कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें ओरेवा (पुल का जीर्णोद्धार करने वाली कंपनी) के प्रबंधक - टिकट लेने वाले, पुल की मरम्मत करने वाले ठेकेदार और भीड़ को प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार तीन सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।

    मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मोरबी की अदालत ने मंगलवार को 4 आरोपियों को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। हालांकि अभियोजन पक्ष ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने आरोपी को 5 नवंबर तक ही रिमांड पर लेने की अनुमति दी।

    मीडिया रिपोर्ट्स में, गुजरात में हाल ही में मोरबी पुल ढहने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई।

    सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में न्यायिक जांच आयोग की स्थापना के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए मामले को मंगलवार को सीजेआई के समक्ष उल्लेख किया गया।

    सीजेआई ने निर्देश दिया कि मामले को 14 नवंबर को सूचीबद्ध किया जाए।

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