एमजे अकबर बनाम प्रिया रमानी: 'समझौते की संभावना बहुत कम, रमानी अपने बयान पर कायम हैं', पक्षकारोंं ने अदालत को सूचित किया
LiveLaw News Network
22 Nov 2020 4:15 AM

वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले में दोनों पक्षों ने अदालत को सूचित किया कि समझौते पर पहुंचने की संभावना कम है क्योंकि रमानी अपने बयानों और अकबर के खिलाफ आरोपों पर कायम हैं।
उक्त निवेदन तब किया गया जब अपर मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने दोनों पक्षों से समझौते पर पहुंचने की संभावना के बारे में सोचने को कहा।
एसीएमएम रवींद्र कुमार पांडेय ने यह बताने के लिए हस्तक्षेप किया कि हालांकि उन्होंने दलीलों को विस्तार से नहीं सुना है लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि कंपाउंडिंग (पक्षों के बीच समझौता) होने की संभावना है। उन्होंने पूछा कि क्या काउंसलर्स ने इस संभावना का पता लगाया था या अब भी इस दिशा में कोई प्रयास करने को तैयार हैं।
प्रिया रमानी के लिए पेश हुए श्री भावोक चौहान ने कहा कि इस मामले के तथ्य विचित्र प्रकृति के हैं और उनके मुवक्किल उनके बयानों और आरोपों पर कायम हैं। इसलिए, किसी भी समझौते के लिए कोई जगह है नहीं।
दूसरी ओर, वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने कहा कि उन्हें अपने ब्रीफिंग काउंसल के साथ इस पर चर्चा करनी होगी। न्यायाधीश ने पक्षकारों से कहा कि वे इस संभावना का पता लगाएं और यदि वे इसका लाभ उठाने के इच्छुक हैं तो अदालत को सूचित करें।
जज विशाल पाहूजा के तबादले के बाद प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई अब अपर मुख्य महानगर दंडाधिकारी रवींद्र कुमार पांडेय करेंगे। अब इस मामले को 24 नवंबर,2020 को दोपहर 02:00 बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।