बलात्कार के अभियुक्त की जमानत अर्जी पर निर्णय के लिए यौन संबंध की नाबालिग की सहमति प्रासंगिक : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

13 Nov 2020 4:42 AM GMT

  • बलात्कार के अभियुक्त की जमानत अर्जी पर निर्णय के लिए यौन संबंध की नाबालिग की सहमति प्रासंगिक : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

    Himachal Pradesh High Court

    हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक 'नाबालिग' लड़की से दुष्कर्म के आरोपी व्यक्ति की जमानत इस आधार पर मंजूर कर ली है कि लड़की ने यौन संबंध बनाने के लिए सहमति प्रदान की थी।

    जस्टिस अनूप चितकारा ने कहा,

    "यद्यपि वह (लड़की) यौन संबंध बनाने के लिए, साथ ही अपने संरक्षक को छोड़कर जाने की सहमति नहीं दे सकती थी, लेकिन याचिकाकर्ता को जमानत मंजूर करने के लिए उस लड़की का आचरण पर्याप्त है।"

    बीस वर्षीय रोहित शर्मा ने इस आधार पर नियमित जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि लड़की के परिवार वालों ने प्रेम संबंध तोड़ने के लिए उससे (लड़की से) झूठी शिकायत करायी थी। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने पुलिस को जानकारी दी थी कि वह अभियुक्त को पिछले तीन-चार माह से जानती थी और फेसबुक एवं फोन के जरिये उसके सम्पर्क में थी। उसने पुलिस को यह भी बताया था कि 30 अक्टूबर 2020 को उन्होंने एक शादी समारोह में हिस्सा लिया था, जहां पीड़िता अभियुक्त के साथ रुकी थी। वहां अभियुक्त ने लड़की के साथ यौन संबंध बनाये थे।

    इस बात का संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश ने कहा :

    "पीड़िता का आचरण स्पष्ट रूप से बताता है कि वह शुरू में याचिकाकर्ता के साथ प्राथमिक विद्यालय तक गयी थी और उसके साथ संभोग करने के बाद किसी के समक्ष भी उसने इस तथ्य का खुलासा नहीं किया था। इतना नहीं इसके बावजूद दो-तीन सप्ताह बाद वह अपनी स्वेच्छा से उसके साथ चली गयी। यद्यपि वह यौन सहमति के लिए और साथ ही अपने संरक्षक को छोड़कर जाने के लिए सहमति नहीं दे सकती थी, लेकिन याचिकाकर्ता को जमानत मंजूर करने के लिए उसका (लड़की का) आचरण पर्याप्त है।"

    कोर्ट ने कहा कि सम्पूर्ण साक्ष्य का विश्लेषण न तो अभियुक्त को अब और कैद में रखने को न्यायोचित ठहराता है, न ही ऐसा करने से किसी महत्वपूर्ण उद्देश्य की पूर्ति होने जा रही है। कोर्ट ने जमानत के लिए सामान्य शर्तें भी लगायी।

    केस : रोहित शर्मा बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार [क्रिमिनल एमपी (एम) नंबर 2001 / 2020]

    कोरम : जस्टिस अनूप चितकारा

    वकील : एडवोकेट पीयूष वर्मा, एडिशनल एडवोकेट जनरल नंद लाल ठाकुर

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