नाबालिग लड़की को राजस्थान में बेचने का मामला : त्रिपुरा हाईकोर्ट ने अथॉरिटी के सकारात्मक क़दम पर केस बंद किया
LiveLaw News Network
22 July 2020 11:15 AM IST
त्रिपुरा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तरी त्रिपुरा की एक नाबालिग लड़की की दुर्दशा के बारे में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई बंद कर दी। इस लड़की को राजस्थान के एक परिवार को बेच दिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अकील कुरेशी और न्यायमूर्ति एस तलपत्र की पीठ ने इस जनहित याचिका को उस समय बंद कर दिया जब उसे यह बताया गया कि इस लड़की को वापस त्रिपुरा ले आया गया है।
पीठ को कहा गया कि अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की और इसी तरह के अन्य मामलों पर भी वे इसी तरह की तत्परता बरत रहे हैं। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने कोर्ट को बताया था कि त्रिपुरा के चार नाबालिग उत्तर प्रदेश में पाए गए और उन्हें वापस लाने के प्रयास चल रहे हैं।
पीठ ने कहा,
"हम इस बारे में आश्वस्त हैं कि अगर इसी तरह का कोई और मामला होता है जो त्रिपुरा का है तो राज्य सरकार, राज्य बाल संरक्षण आयोग, राष्ट्रीय आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण उन नाबालिगों को यथासंभव शीघ्र वापस त्रिपुरा लाना सुनिश्चित करेंगे और उन्हें उनके परिवार से मिलाएंगे।"
कोर्ट ने कहा कि इस जनहित याचिका का उद्देश्य पूरा हो गया है और इसलिए इसे अब बंद किया जाता है।
साथ ही अदालत ने कहा कि किसी भी स्तर पर अगर उक्त एजेंसियों को लगता है कि इसी तरह की परिस्थिति में राज्य के बाहर बुरी स्थितियों में फंसे नाबालिगों को छुड़ाने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की ज़रूरत है तो अदालत का दरवाज़ा उनके लिए खुला हुआ है जिस पर अदालत क़ानून के अनुसार ग़ौर करेगी।
कोर्ट को इससे पहले हुई सुनवाई में कहा गया था कि 14 साल की इस नाबालिग लड़की का यौन शोषण हुआ और वह गर्भवती हो गई थी और वह COVID 19-पॉज़िटिव भी हो गई थी। शुक्रवार को बताया गया कि उसकी विधवा मां उसको अपने पास रखने से मना कर रही है।
कोर्ट ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से इस बात की संभावना का पता लगाने को कहा है कि लड़की या उसके परिवार को किसी तरह का एकमुश्त या समय-समय पर मुआवज़ा दिया जा सकता है कि नहीं।
अदालत ने कहा,
"अगर इस तरह की कोई योजना है तो यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि लड़की/या उसके परिवार को इस तरह की योजना का लाभ मिले। अगर राज्य विधिक प्राधिकरण से किसी भी तरह की अनुकंपा राशि का भुगतान हो सकता है तो इसकी भी संभावना तलाशी जानी चाहिए।"