Whatsapp प्राइवेसी पॉलिसी केस में मेटा को आंशिक राहत: NCLAT ने ₹213 करोड़ जुर्माना बरकरार रखा, 'डेटा शेयरिंग प्रतिबंध' आदेश रद्द

Praveen Mishra

5 Nov 2025 12:03 PM IST

  • Whatsapp प्राइवेसी पॉलिसी केस में मेटा को आंशिक राहत: NCLAT ने ₹213 करोड़ जुर्माना बरकरार रखा, डेटा शेयरिंग प्रतिबंध आदेश रद्द

    राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने मंगलवार को मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक. और व्हाट्सएप एलएलसी को आंशिक राहत दी है। यह राहत 2021 में व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट से जुड़े प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के आदेश के खिलाफ दायर अपील में दी गई।

    हालांकि न्यायाधिकरण ने सीसीआई द्वारा लगाए गए ₹213.14 करोड़ के जुर्माने को बरकरार रखा, लेकिन उसने यह निष्कर्ष रद्द कर दिया कि मेटा ने व्हाट्सएप की बाजार में प्रभुत्व वाली स्थिति का इस्तेमाल ऑनलाइन विज्ञापन क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए किया था। इस तरह 'प्रभुत्व के दुरुपयोग' का एक प्रमुख आरोप रद्द कर दिया गया।

    चेयरपर्सन जस्टिस अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य अरुण बारोका की दो-सदस्यीय पीठ ने सीसीआई के उस निर्देश को भी खारिज कर दिया, जिसमें मेटा और व्हाट्सएप को पाँच वर्षों तक विज्ञापन उद्देश्यों के लिए अन्य मेटा समूह कंपनियों के साथ उपयोगकर्ता डेटा साझा करने से रोका गया था।

    खंडपीठ ने कहा,

    “आयोग की जो टिप्पणियां धारा 4(2)(e) से संबंधित हैं और आदेश के अनुच्छेद 247.1 में दिए गए निर्देश हैं, उन्हें रद्द किया जाता है। आदेश का बाकी हिस्सा बरकरार रहेगा।”

    सीसीआई के आदेश के अनुच्छेद 247.1 के अनुसार,

    “व्हाट्सएप अपने प्लेटफ़ॉर्म से एकत्रित उपयोगकर्ता डेटा को अन्य मेटा कंपनियों या मेटा कंपनी उत्पादों के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए पाँच वर्षों की अवधि तक साझा नहीं करेगा। इस अवधि के बाद, अनुच्छेद 247.2 (सिवाय 247.2.1 के) में दिए गए निर्देश लागू होंगे।”

    इससे पहले, जनवरी 2025 में NCLAT ने इस पाँच वर्षीय प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगाई थी, यह कहते हुए कि ऐसा करने से व्हाट्सएप के "फ्री-टू-यूज़" बिजनेस मॉडल में बाधा आ सकती है।

    यह मामला जनवरी 2021 से जुड़ा है, जब व्हाट्सएप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट की थी और अन्य मेटा कंपनियों के साथ उपयोगकर्ता डेटा साझा करना अनिवार्य बना दिया था। सीसीआई ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया, यह कहते हुए कि इस अपडेट ने उपयोगकर्ताओं से डेटा शेयरिंग से 'ऑप्ट-आउट' करने का विकल्प छीन लिया है।

    18 नवंबर 2024 को दिए गए अपने आदेश में सीसीआई ने कहा था कि यह अपडेट “अनुचित थोपाव” (unfair imposition) है और पाया कि मेटा ने व्हाट्सएप की ओटीटी मैसेजिंग मार्केट में प्रभुत्व वाली स्थिति का उपयोग ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए किया, जो प्रतिस्पर्धा अधिनियम का उल्लंघन है।

    अपील के दौरान, मेटा ने तर्क दिया कि सीसीआई ने अपनी अधिकार-सीमा से बाहर जाकर गोपनीयता और डेटा संरक्षण के मुद्दों पर फैसला दिया है, जबकि सीसीआई ने कहा कि उसके निर्देश व्हाट्सएप की बाजार में प्रमुख स्थिति से उत्पन्न प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यवहार को रोकने के लिए थे।

    अपील खारिज होने के बाद अब सीसीआई के बाकी निर्देश पूरी तरह लागू होंगे — जिनमें शामिल हैं:

    • पाँच वर्षों तक व्हाट्सएप के उपयोगकर्ता डेटा को अन्य मेटा कंपनियों या उत्पादों के साथ विज्ञापन के लिए साझा करने पर रोक,

    • उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट जानकारी देना कि कौन सा डेटा साझा किया जा रहा है और क्यों,

    • उपयोगकर्ताओं को 'ऑप्ट-आउट' करने और अपनी पसंद बदलने का विकल्प प्रदान करना।

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