पासपोर्ट जारी करने में देरी को लेकर महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Brij Nandan

16 Feb 2023 5:35 AM GMT

  • पासपोर्ट जारी करने में देरी को लेकर महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

    जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट द्वारा श्रीनगर में पासपोर्ट प्राधिकरण को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मां के नए सिरे से पासपोर्ट जारी करने के आवेदन पर विचार करने का निर्देश देने के एक महीने बाद उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने अब इसी तरह की राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुफ्ती की मां को एक नया पासपोर्ट जारी किया गया था।

    जहांगीर गनई लॉ एसोसिएट्स के माध्यम से दायर अपनी याचिका में इल्तिजा ने कहा है कि उनका पासपोर्ट 02/01/2023 को समाप्त हो गया था। परिणामस्वरूप उसने संबंधित प्राधिकरण के समक्ष इसे फिर से जारी करने के लिए आवेदन किया। हालांकि, सभी आवश्यक सत्यापनों को पूरा करने के बावजूद, उसके पासपोर्ट आवेदन की स्थिति अभी भी क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में समीक्षा के अधीन है, जो स्पष्ट रूप से निर्देश मैनुअल के विपरीत है जो लगभग 30 दिनों के भीतर पासपोर्ट भेजने के लिए निर्धारित करता है।

    मामले पर प्रतिवादियों की ओर से निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए, इल्तिजा ने आगे कहा कि प्रशासनिक देरी मनमानी का एक पहलू है और कानून के शासन के खिलाफ है। जैसा कि कानून अनियंत्रित विवेक को मान्यता नहीं देता है, याचिकाकर्ता के आवेदन पर निर्णय को प्रतिवादियों की सनक पर नहीं छोड़ा जा सकता है।

    आगे कहा कि उसके पक्ष में पासपोर्ट जारी करने में देरी एक ऐसा कार्य है जो संवैधानिक शासनादेश और पासपोर्ट अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है।

    इल्तिजा ने कहा है कि याचिकाकर्ता के पक्ष में पासपोर्ट जारी करने में हुई देरी भारत के संविधान द्वारा निहित उसके अधिकारों को प्रभावित करता है, जो उसे विदेश यात्रा की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

    इल्तिजा ने इस मामले में अदालत के सहयोग की मांग करते हुए प्रतिवादियों को उनके पक्ष में पासपोर्ट जारी करने का निर्देश देने की मांग की है। पासपोर्ट जारी नहीं करने और उसे विदेश यात्रा करने से रोकने के लिए प्रतिवादियों की कार्रवाई को अवैध और असंवैधानिक और भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत विदेश यात्रा के उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने की भी प्रार्थना की गई है।

    केस टाइटल: इल्तिजा मुफ्ती बनाम भारत संघ

    याचिकाकर्ता के वकील: सीनियर एडवोकेट जहांगीर इकबाल गनई



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