किसी और के जीवनसाथी के साथ विवाहित व्यक्ति का रहना एक अनैतिक कार्य, पुलिस सुरक्षा का आदेश देकर इसको मंजूरी नहीं दे सकते : राजस्थान हाईकोर्ट
LiveLaw News Network
6 Dec 2020 10:30 AM IST
राजस्थान हाईकोर्ट (जयपुर बेंच) ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए दायर एक याचिका खारिज करते हुए कहा है कि, ''किसी और के पति या पत्नी के साथ विवाहित व्यक्ति का रहना एक अनैतिक कृत्य के समान है। ऐसे में पुलिस को उन्हें सुरक्षा देने का निर्देश देकर इस कार्य को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।'' इसी के साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है।
न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा की खंडपीठ इस मामले में एक कपल की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी,जिन्होंने पुलिस सुरक्षा दिलाए जाने की मांग की थी।
केस के तथ्य
याचिकाकर्ता नंबर 1 (वकिला), एक महिला, ने अदालत के समक्ष खुद को याचिकाकर्ता नंबर 2 (उमरदीन खान) की पत्नी बताया था हालाँकि, वास्तव में उसका विवाह प्रतिवादी नंबर 5 (तालीम) से हुआ था।
दूसरी ओर, याचिकाकर्ता नंबर 2 (उमरदीन खान), जिसके साथ वकिला (याचिकाकर्ता नंबर 1) रहना चाहती है,वह भी एक विवाहित व्यक्ति है।
उमरदीन खान और वकिला (याचिकाकर्ता नंबर 1 और 2) ने कथित विवाह से संबंधित दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर रखा, हालांकि, अदालत ने पाया कि वह दोनों यह नहीं दर्शा पाए कि उनके बीच एक वैध निकाह हुआ था।
कोर्ट का अवलोकन
न्यायालय ने कहा कि केवल एक निकाहनामा को 500 रुपये के स्टांप पेपर पर निष्पादित किया गया था,वो भी मुतवल्ली के बिना और न ही किसी मौलवी द्वारा कोई नुतफा पढ़ा गया था।
न्यायालय ने आगे कहा,
''निकाहनामा के लिए एक मौलवी (पुजारी) होता हैं, जो उक्त निकाहनामा पर हस्ताक्षर करता है। निकाहनामा की सामग्री में, यह उल्लेख किया गया है कि याचिकाकर्ता लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे।''
कोर्ट ने यह भी कहा कि एक विवाहित मुस्लिम महिला का दोबारा विवाह नहीं हो सकता, जब तक कि उसका तलाक न हो जाए।
इसके अलावा, अदालत ने कहा कि याचिका (पुलिस सुरक्षा के लिए प्रार्थना करना) गलत है। इसलिए उसे खारिज करते हुए दस हजार रुपये जुर्माना लगाया जा रहा है। इस राशि का राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पास 30 दिनों के भीतर जमा करा दिया जाए।
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि 30 दिनों की अवधि के भीतर जुर्माने की राशि जमा नहीं कराई जाती है तो संबंधित अधिकारी याचिकाकर्ता नंबर 1 और 2 से उक्त राशि की वसूली के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
केस का शीर्षक - वकिला व अन्य बनाम राजस्थान राज्य व अन्य ,एस.बी. आपराधिक विविध(याचिका) संख्या 4271/2020,
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