क्या फर्स्ट कज़िन के बीच विवाह/लिव-इन रिलेशनशिप अवैध है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट करेगा जांच

LiveLaw News Network

22 Nov 2020 7:00 AM GMT

  • क्या फर्स्ट कज़िन के बीच विवाह/लिव-इन रिलेशनशिप अवैध है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट करेगा जांच

    ''क्या फर्स्ट कज़िन के बीच शादी या लिव-इन रिलेशनशिप अवैध है?'', पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत मांगने वाले याचिकाकर्ता को इस बिंदु पर बहस करने के लिए कहा है।''

    न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान की खंडपीठ याचिकाकर्ता की तरफ से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिकाकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366ए (प्राक्युरेशन ऑफ माइनर गर्ल) के तहत केस दर्ज किया गया था।

    केस की पृष्ठभूमि

    याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि उनके मुवक्किल /याचिकाकर्ता ने एक आपराधिक रिट याचिका सीआरडब्ल्यूपी-6856-2020 एक्सवाईजेड(नाम जानबूझकर छिपाया हुआ है) के साथ मिलकर दायर की थी, जिसमें उनके जीवन और स्वतंत्रता को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई थी।

    अदालत ने आपराधिक रिट याचिका की फाइल तलब की और पक्षों के मैमोरेंडम में बताया गया था कि एक्सवाईजेड की उम्र 17 साल है और याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया था कि ये दोनों लिव-इन-रिलेशनशिप में हैं।

    उपरोक्त याचिका के साथ, एक प्रतिनिधित्व भी जोड़ा गया था, जिसमें एक्सवाईजेड ने कहा था कि उसने अपने दोस्त (याचिकाकर्ता) के साथ रहने का फैसला किया था। इसलिए वह इस बात को स्वीकार कर रही है कि उसके माता-पिता उन्हें परेशान कर सकते हैं और उनके मन की शांति को भंग कर सकते हैं।

    उक्त याचिका को दिनांक 07 सितम्बर 2020 के एक आदेश द्वारा निपटा दिया गया था, जिसमें पुलिस आयुक्त, लुधियाना को निर्देश दिया गया था कि वे याचिकाकर्ताओं के प्रतिनिधित्व पर विचार करें, और यदि उनके जीवन और स्वतंत्रता को कोई खतरा है तो उन्हें सुरक्षा प्रदान करें।

    राज्य द्वारा तर्क दिए गए

    राज्य के वकील ने इस बात पर आपत्ति जताई कि एक्सवाईजेड लगभग 17 साल की है और वह नाबालिग है, इसलिए, उसके माता-पिता ने यह प्राथमिकी दर्ज करवाई है। वहीं एक्सवाईजेड और याचिकाकर्ता फस्र्ट कजन भी हैं क्योंकि उन दोनों के पिता सगे भाई हैं। इसलिए, याचिकाकर्ता ने उक्त सीआरडब्ल्यूपी-6856-2020 में इस तथ्य को भी छुपाया है कि वे हिंदू विवाह अधिनियम के तहत निषिद्ध स्पिंदा में आते हैं और एक दूसरे के साथ विवाह नहीं कर सकते हैं।

    यह भी तर्क दिया गया था कि जब अधिनियम के तहत याचिकाकर्ता और एक्सवाईजेड को एक-दूसरे के साथ शादी नहीं कर सकते हैं तो उनके किसी भी लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है क्योंकि वह अनैतिक है और समाज में स्वीकार्य नहीं है।

    इस पर कोर्ट ने कहा,

    ''सभी पक्षों के लिए पेश वकीलों की दलीले सुनने के बाद, मुझे पता चला कि वर्तमान याचिका में भी, याचिकाकर्ता ने इस तथ्य के बारे में खुलासा नहीं किया है कि वह एक्सवाईजेड के पहले चचेरे भाई हैं और इसलिए, वर्तमान याचिका में प्रस्तुत की गई यह दलील कि वह जब 18 साल की हो जाएगी तो शादी कर लेगी,अवैध है।''

    इसके बाद, याचिकाकर्ता के वकील ने इस मुद्दे पर अपनी दलीले प्रस्तुत करने के लिए समय दिए जाने की मांग की और इस तरह, मामले की सुनवाई 11 जनवरी 2021 तक स्थगित कर दी गई।

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