एनडीपीएस मामले में महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री के दामाद को जमानत मिली

LiveLaw News Network

28 Sep 2021 8:43 AM GMT

  • एनडीपीएस मामले में महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री के दामाद को जमानत मिली

    एक विशेष अदालत ने सोमवार को 194.6 किलोग्राम से अधिक गांजा की कथित बरामदगी से जुड़े एक मामले में राकांपा नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान सहित तीन आरोपियों को जमानत दे दी।

    जिन दो अन्य आरोपियों को जमानत दी गई वे सेलिब्रिटी मैनेजर रहीला खान और यूके नागरिक करण सेजनानी हैं।

    आरोपियों को जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। उन पर 194.6 किलो गांजा और छह सीबीडी स्प्रे की वाणिज्यिक मात्रा की खरीद और परिवहन व्यवस्था की साजिश के लिए एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 8 (सी), आर/डब्ल्यू 20 (बी) (2) (सी), 27-ए, 27, 28 और 29 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    अपनी जमानत याचिका में खान ने दावा किया कि एक सह-आरोपी से कथित रूप से बरामद 7.5 ग्राम गांजा को छोड़कर मामले में जब्त किए गए 194.6 किलोग्राम पदार्थ में से कोई भी नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत नहीं आता है।

    हालांकि, एजेंसी ने तर्क दिया कि फोरेंसिक परीक्षण के लिए भेजे गए 18 नमूनों में से आठ नकारात्मक निकले हो सकते हैं। शेष जब्त किए गए पदार्थ 86 किलोग्राम गांजा की मात्रा के भांग के पौधे के वनस्पति भाग को शामिल करने के बावजूद, अधिनियम के तहत कवर किए गए थे।

    मामला

    नौ जनवरी को एनसीबी की एक टीम ने यूनिवर्सल कूरियर और कार्गो के कार्यालय पर छापा मारा और आरोपी करण सेजनानी के नाम पर निर्यात के लिए पार्सल पाया। इसमें कथित तौर पर 70 ग्राम, 265 ग्राम और 3.5 ग्राम गांजा था। उसके फ्लैट में छापेमारी के बाद एनसीबी ने कथित तौर पर चार बड़े कार्टन प्रतिबंधित और चार अन्य बड़े बोरे जब्त किए।

    अभियोजन पक्ष का यह भी कहना है कि छह सीबीडी स्प्रे भी बरामद किए गए।

    जबकि एनसीबी ने दावा किया कि आरोपी ने 194.6 किलोग्राम गांजा और छह सीबीडी स्प्रे की खरीद, बिक्री और परिवहन व्यवस्था की साजिश रची। आरोप पत्र से जुड़ी रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट से पता चला कि फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजे गए 18 नमूनों में से आठ नकारात्मक थे। आठ नमूनों की जब्ती 85 किलोग्राम से अधिक होगी।

    खान ने दावा किया कि उनके कहने पर प्रतिबंधित पदार्थ की कोई बरामदगी नहीं हुई है, इसलिए एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 (बी)(2)(सी) के तहत आरोप नहीं बनता है। उन्होंने तर्क दिया कि जबकि कई नमूने नकारात्मक थे। सीए रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि जब्त की गई बड़ी मात्रा में भांग (ट्राइकोम्स) का वानस्पतिक हिस्सा था, जो अधिनियम के तहत प्रतिबंधित पदार्थ नहीं है।

    केस टाइटल: समीर शब्बीर खान बनाम एनसीबी मुंबई जोनल यूनिट

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