'वैकेंसी चार्ट में त्रुटि' का हवाला देकर रद्द किया गया था नीट पीजी कैंडिडेट का प्रवेश, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एनबीईएमएस को नोटिस जारी किया
Avanish Pathak
31 Oct 2023 8:43 PM IST
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नीट पीजी उम्मीदवार के सीट आवंटन को इस आधार पर रद्द करने कि 'प्रवेश अतिरिक्त सीट पर किया गया था', के खिलाफ दायर एक रिट याचिका में नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) सहित प्रतिवादी अधिकारियों को नोटिस जारी किया है ।
चीफ जस्टिस रवि मलिमाठ और जस्टिस विशाल मिश्र की खंडपीठ ने उक्त मामले में बुन्देलखंड मेडिकल कॉलेज को भी नोटिस जारी किया है, जिसका जवाब दो सप्ताह में देना होगा।
रिट याचिका में एमएस कोर्स में याचिकाकर्ता-डॉक्टर के प्रवेश को रद्द करने के आदेश को चुनौती दी गई है। बुन्देलखंड मेडिकल कॉलेज में ओटो-राइनो-लैरिंजोलॉजी (ईएनटी) में याचिकाकर्ता को नीट पीजी उत्तीर्ण करने और काउंसलिंग के लिए विधिवत अर्हता प्राप्त करने के बाद 29.09.2023 को आयोजित दूसरे मॉप अप राउंड में एक सीट आवंटित की गई थी।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट पर प्रवेश सभी उचित प्रक्रिया पूरी होने और फीस के रूप में 2 लाख रुपये के भुगतान के बाद रद्द कर दिया गया था। 08.10.2023 के एक आदेश द्वारा प्रवेश को अस्वीकार करते समय, एमपी के चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने कथित तौर पर कारण बताया कि 'वैकेंसी चार्ट में त्रुटि' के कारण प्रवेश प्रक्रिया में एक त्रुटि हुई थी।
रिट याचिका में उक्त आदेश की आलोचना करते हुए कहा गया है कि प्रवेश रद्द करने से स्नातकोत्तर छात्र के रूप में शिक्षा प्राप्त करने का 'याचिकाकर्ता का मूल्यवान अधिकार छीन लिया गया है।' याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया था कि प्रतिवादी अधिकारियों की ओर से एक त्रुटि योग्य उम्मीदवार की कैरियर आकांक्षाओं से समझौता करने का औचित्य नहीं होगी। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि याचिकाकर्ता से कम रैंक हासिल करने वाले कई अन्य उम्मीदवारों को पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए विभिन्न कॉलेजों में प्रवेश दिया गया है।
रिट याचिका में याचिकाकर्ता ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में एमएस (ईएनटी) में पोस्ट-ग्रेजुएशन जारी रखने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की है। रिट याचिकाकर्ता ने उन सभी उम्मीदवारों को दिए गए प्रवेश पर रोक लगाने के मामले में अंतरिम राहत भी मांगी है, जिन्होंने याचिकाकर्ता से कम रैंक हासिल की है। वैकल्पिक रूप से, याचिकाकर्ता को मध्य प्रदेश राज्य के किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में पाठ्यक्रम करने की अनुमति दी जा सकती है, यह प्रार्थना की गई है।
याचिकाकर्ता डॉक्टर की ओर से अधिवक्ता अभिषेक सिंह उपस्थित हुए।
केस डिटेल: डॉ. सिद्धांत ब्रहाणे बनाम नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस और अन्य
केस नंबर: WP नंबर 26489/2023