मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और सह-अभियुक्त नलिन यादव द्वारा दायर जमानत अर्जियों को खारिज किया

LiveLaw News Network

28 Jan 2021 11:36 AM IST

  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और सह-अभियुक्त नलिन यादव द्वारा दायर जमानत अर्जियों को खारिज किया

    मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, इंदौर पीठ ने कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और सह-अभियुक्त नलिन यादव द्वारा दायर जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया है, जिन्हें दो जनवरी को उनके कॉमिक शो के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

    न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने कहा कि अभी तक एकत्रित किए गए साक्ष्य / सामग्री, सुझाव देते हैं कि व्यावसायिक लाइन पर सार्वजनिक स्थान पर स्टैंडअप कॉमेडी की आड़ में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में, प्रथम दृष्ट्या जानबूझकर, सोचे समझे इरादे के साथ भारत के नागरिकों की एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए अभद्र और अपमानजनक बयान दिए गए हैं।

    "यह देश के प्रत्येक नागरिक का और राज्य का भी संवैधानिक कर्तव्य है कि वो भारत के सभी लोगों के बीच धार्मिक, भाषाई, क्षेत्रीय या वर्गीय विविधताओं के बावजूद सामंजस्य और सामान्य भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने और हमारी समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देने और संरक्षित करे। (भारत के संविधान का अनुच्छेद 15 ए( ई ) और ( एफ) ") न्यायमूर्ति रोहित आर्य की एकल पीठ ने 25 जनवरी को उनके जमानत आवेदनों में फैसला सुरक्षित रखा था।

    25 जनवरी को सुनवाई में जस्टिस रोहित आर्य ने जमानत अर्जी पर आपत्तियों पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की:

    "ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। मैं योग्यता के आधार पर आदेश सुरक्षित रखूंगा।"

    हस्तक्षेपकर्ताओं के अनुसार, कॉमेडियन अभियुक्तों ने कथित रूप से हिंदू देवताओं और देवियों के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक बयान दिए थे।

    इसे देखते हुए, एकल न्यायाधीश ने कहा:

    "लेकिन आप अन्य धार्मिक भावनाओं और आस्थाओं का अनुचित लाभ क्यों उठाते हैं। आपकी मानसिकता में क्या गलत है? आप अपने व्यवसाय के उद्देश्य के लिए यह कैसे कर सकते हैं?"

    1 जनवरी को इंदौर के 56 दुकान इलाके में एक कैफे में आयोजित एक शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने चार अन्य लोगों के साथ गुजरात निवासी फारुकी को 2 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।

    उनके खिलाफ स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौर के बेटे एकलव्य सिंह गौर (36) ने शिकायत दर्ज कराई थी।

    गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की पहचान एडविन एंथोनी, प्रखर व्यास और प्रियम व्यास के रूप में की गई।

    पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 299-ए (जानबूझकर और निंदनीय कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उनके धर्म या धार्मिक आस्थाओं का अपमान करने से रोकने के लिए) और धारा 269 (गैरकानूनी या लापरवाही से किसी भी बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना जिससे जीवन को खतरा हो ) के तहत मामला दर्ज किया था।

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