मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी को नॉन डोमिसाइल कैटेगरी के कैंडिडेट को राज्य इंजीनियरिंग सेवाओं के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का निर्देश दिया

Shahadat

18 May 2022 11:20 AM GMT

  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी को नॉन डोमिसाइल कैटेगरी के कैंडिडेट को राज्य इंजीनियरिंग सेवाओं के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का निर्देश दिया

    Madhya Pradesh High Court

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) को नॉन डोमिसाइल कैटेगरी के कैंडिडेट को राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा, 2021 के लिए आवेदन करने और उपस्थित होने की अनुमति देने का निर्देश दिया।

    जस्टिस एस ए धर्माधिकारी और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने एमपीपीएससी को नॉन डोमिसाइल कैटेगरी के कैंडिडेट्स के रजिस्ट्रेशन की सुविधा के लिए आवेदन प्रक्रिया में पर्याप्त संशोधन करने का निर्देश दिया,

    पक्षकारों के एडवोकेट्स द्वारा दी गई उक्त दलीलों को ध्यान में रखते हुए तथा सभी संबंधितों को समान अवसर प्रदान करने की दृष्टि से यह निदेश दिया जाता है कि नॉन डोमिसाइल कैटेगरी के सभी अभ्यर्थी को राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा, 2021 के संबंध में प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।

    इसके लिए मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग वेबसाइट में पर्याप्त संशोधन करेगा और इन उम्मीदवारों को आवेदन पत्र भरने की अनुमति देगा। यदि आवश्यकता पड़ी तो मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग आवेदन पत्र भरने के लिए नई तिथि पर विचार करेगा और उन्हें आवश्यक कार्य करने के लिए कम से कम सात दिन का और समय देगा। उसके बाद परीक्षा आयोजित करने के लिए एक नई तारीख अधिसूचित करेगा।

    मामले के तथ्य

    याचिकाकर्ता छात्रों ने दिनांक 30.12.2021 की आक्षेपित गजट अधिसूचना की वैधता को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की। इसके तहत मध्य प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जातियां और पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण संशोधन अधिनियम, 2019) में एक संशोधन शामिल किया गया। इसके परिणामस्वरूप, ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने राज्य के बाहर के उम्मीदवारों के लिए आवेदन पत्र जमा करने और नॉन डोमिसाइल कैटेगरी को उचित अवसर देने के लिए परीक्षा तिथि 22.05.2022 को आगे करने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था।

    याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि अवसर की समानता को इस बात पर निर्भर नहीं किया जा सकता है कि कोई नागरिक कहां रहता है। उन्होंने यह भी बताया कि एमपीपीएससी ने विभिन्न अन्य परीक्षाओं में मध्य प्रदेश राज्य से बाहर के कैंडिडेट को पहले भी इसमें भाग लेने की अनुमति दी है। परीक्षा की तारीख के संबंध में याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि एमपीपीएससी समय-समय पर इसे बढ़ा रहा है। इसलिए, याचिकाकर्ताओं को भी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा सकती है।

    इसके विपरीत राज्य ने प्रस्तुत किया कि विज्ञापन 30.12.2021 को जारी किया गया था और आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 01.03.2022 थी। यह तर्क दिया गया कि परीक्षा की अंतिम तिथि समय-समय पर बढ़ाए जाने के बावजूद, याचिकाकर्ताओं ने शिकायत नहीं की और अब उन्हें संबंधित परीक्षा में उक्त विलम्बित चरण में उपस्थित होने से रोक दिया गया है। अत: यह प्रार्थना की गई कि याचिका सुनवाई योग्य न होने के कारण खारिज किए जाने योग्य है।

    रिकॉर्ड पर पक्षकारों और दस्तावेजों के प्रस्तुतीकरण को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने एमपीपीएससी को नॉन डोमिसाइल कैटेगरी के लिए आवेदन प्रक्रिया खोलने का निर्देश दिया।

    अगली सुनवाई के लिए मामले को 13.06.2022 से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध किया गया।

    केस टाइटल: शीलेंद्र कुमार और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य

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