एनआईए के लंबित मामलेः पटियाला हाउस कोर्ट में तीन नए एएसजे कोर्ट का गठन होगा, विशेष अदालतों का बोझ कम होगा

LiveLaw News Network

4 March 2022 3:24 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली

    दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्‍ली हाईकोर्ट को सूच‌ित किया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम के तहत लंबित मामलों के निस्तारण के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में तीन नए एडिशनल सेशन जज कोर्ट का गठन किया जाएगा। उन्हें अन्य दो नामिल अदालतों के समक्ष लंबित मामलों को आवं‌टित किया जाएगा।

    हाईकोर्ट रजिस्ट्रार की ओर से दाखिल अतिरिक्त हलफनामे में कहा गया है कि हाईकोर्ट की प्रशासनिक और सामान्य पर्यवेक्षण समिति ने संकल्प लिया है कि पटियाला हाउस कोर्ट में एमएम (एनआई एक्ट) की पांच अदालतों को राउज एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में शिफ्ट किया जाएगा ताकि ज्याद एएसजे कोर्ट का निर्माण किया जा सके।

    हाईकोर्ट ने विशेष नामित न्यायालयों के समक्ष लंबित गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के मामलों में मुकदमे के त्वरित निस्तारण के‌ लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने के‌ लिए अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया था, जिसके बाद यह निर्णय सामने आया है।

    हलफनामे में इसलिए कहा गया है कि एमएम (एनआई एक्ट) की पांच अदालतों को राउज एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में शिफ्ट करने के बाद नई दिल्ली जिले में तीन नए एएसजे कोर्ट बनाए जाएंगे और मामलों को निम्नलिखित तरीके से वापस लिया जाएगा, आवंटित और वितरित किया जाएगा-

    - पटियाला हाउस कोर्ट में दो विशेष नामित न्यायालय, एएसजे 02 ओर एएसजे 03 क्रमशः गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत नए या लंबित मामलों और एनआईए द्वारा जांच किए गए अनुसूचित अपराधों के ट्रायल के साथ-साथ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999 तहत दर्ज मामलों का निस्तारण जारी रखेंगे।

    - एएसजे-02 और एएसजे-03 की दोनों अदालतों के समक्ष लंबित अन्य सभी मामलों को तुरंत वापस ले लिया जाए और समान वितरण सुनिश्चित करते हुए प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश, नई दिल्ली द्वारा नव निर्मित एएसजे अदालतों को सौंपा जाए।

    - एएसजे-05 की नई अदालत को अतिरिक्त रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम के तहत विशेष अदालत के रूप में नामित किया जाना चाहिए, साथ ही विशेष प्रकोष्ठ, दिल्ली पुलिस (एनआईए अधिनियम 2008 की अनुसूची में उल्लिखित उन अपराधों के अलावा जो केवल दो विशेष नामित अदालतों द्वारा विचारणीय होंगे) द्वारा जांच किए गए सत्र मामलों की सुनवाई के लिए नामित किया जाता है।

    - प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, नई दिल्ली जिला एनआईए अधिनियम के तहत लंबित मामलों की संख्या को एएसजे-03 की अदालत में स्थानांतरित करेगा ताकि उनके शीघ्र निस्तारण की सुविधा मिल सके।

    इस पृष्ठभूमि में, हलफनामे में कहा गया है कि एमएम (एनआई एक्ट) के पांच न्यायालयों को राउज एवेन्यू कोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश को भी पूर्ण न्यायालय ने 9 फरवरी को हुई अपनी बैठक में मंजूरी दे दी है।

    हलफनामा में कहा गया है,

    "तदनुसार, माननीय मुख्य न्यायाधीश के निर्देशों के अनुपालन में, 02.03.2022 से पटियाला हाउस कोर्ट कॉम्प्लेक्स से राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में एमएम (एनआई एक्ट) की 5 अदालतों को शिफ्ट करने के संबंध में एक अधिसूचना 14.02.2022 भी जारी की गई है।"

    एनआईए के एक मामले में 8 साल से हिरासत में बंद आरोपी मंजर इमाम ने मामले में याचिका दायर की है। मामले में यह आरोप लगाया गया था कि इंडियन मुजाहिदीन के कुछ सदस्य भारत में कथित रूप से ऐतिहासिक स्थानों को निशाना बनाकर आतंकवादी कृत्यों की साजिश रच रहे थे। कोर्ट ने 15 सितंबर के आदेश में इस मामले में रजिस्ट्री से जवाब मांगा था।

    इमाम के खिलाफ यूएपीए और आईपीसी के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। उन्हें वर्ष 2013 में गिरफ्तार किया गया था। इसलिए याचिका दायर की गई थी ताकि यह निर्देश दिया जा सके कि विशेष एनआईए अदालतों को विशेष रूप से एनआईए द्वारा जांच किए गए अनुसूचित अपराधों का‌ निस्तारण करना चाहिए ताकि ऐसी अदालतों द्वारा मुकदमे की सुनवाई तेजी से की जा सके।

    विशेष एनआईए अदालतों द्वारा शीघ्र सुनवाई के लिए निर्देश मांगने के अलावा, याचिकाकर्ता ने विशेष अदालत को अपने मुकदमे को दिन-प्रतिदिन के आधार पर समाप्त करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की थी।

    केस शीर्षक: मंजर इमाम बनाम यूओआई, संयुक्त सचिव, आंतरिक सुरक्षा प्रभाग, गृह मंत्रालय के माध्यम से और अन्य

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