लिव इन रिलेशन स्थिरता प्रदान नहीं कर सकते, ऐसे रिश्ते से बाहर आने के बाद एक महिला के लिए पति ढूंढना मुश्किल: इलाहाबाद हाईकोर्ट

Avanish Pathak

1 Sept 2023 3:56 PM IST

  • लिव इन रिलेशन स्थिरता प्रदान नहीं कर सकते, ऐसे रिश्ते से बाहर आने के बाद एक महिला के लिए पति ढूंढना मुश्किल: इलाहाबाद हाईकोर्ट

    Allahabad High Court 

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप से बाहर आने के बाद एक महिला के लिए शादी के लिए पुरुष साथी ढूंढना बहुत मुश्किल होता है।

    कोर्ट ने यह टिप्पणी अपनी लिव-इन पार्टनर से बलात्कार के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देते हुए की।

    यह देखते हुए कि ऐसे संबंधों पर भारत में सामाजिक सहमति नहीं होती है, जिसमें मुख्य रूप से मध्यम वर्ग शामिल है, पीठ ने कहा कि ऐसा मध्यम वर्ग ऐसी अलग महिलाओं को सामान्य रूप से नहीं देखता है।

    "वे ऐसे रिश्ते से बाहर आने वाली महिला को सामान्य व्य‌क्ति नहीं मानते हैं। अपवाद के अलावा, कोई भी परिवार स्वेच्छा से ऐसी महिला को अपने परिवार के सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं करता है। अदालतों में ऐसे मामलों की कोई कमी नहीं है, जहां लिव इन रिलेशनश‌िप से बाहर आई महिला ने सामाजिक रूप से खराब व्यवहार के कारण आत्महत्या कर ली।''

    कोर्ट ने कहा, "सामाजिक बहिष्कार से लेकर अशोभनीय सार्वजनिक टिप्पणियां उसके लिव-इन रिलेशनशिप के बाद की प्रक्रिया का हिस्सा बन जाती हैं।"

    साथ ही कोर्ट यह भी कहा कि हालांकि किसी पुरुष समकक्ष के लिए दूसरी महिला लिव-इन-पार्टनर या पत्नी ढूंढना मुश्किल नहीं है। ऐसे रिश्ते में एक महिला साथी के लिए शादी के लिए एक पुरुष साथी ढूंढना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि मध्यवर्गीय सामाजिक मानदंड, महिला साथी के लिए सामाजिक स्थिति को फिर से हासिल करने के उसके प्रयासों के खिलाफ होते हैं।

    जस्टिस सिद्धार्थ की बेंच ने अपने आदेश में यह भी रेखांकित किया कि हमारे जैसे देश में नैतिकता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता क्योंकि हमारे देश में ज्यादातर मध्यम वर्ग है।

    यह मानते हुए कि किसी राष्ट्र की स्थिरता, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति केवल मध्यम वर्ग के आकार पर निर्भर करती है, न्यायालय ने आगे बताया कि पाकिस्तान के सामने आने वाली अधिकांश समस्याएं मुख्य रूप से मध्यम वर्ग की कमी के कारण हैं।

    पीठ ने यह भी कहा कि उच्चतम वर्ग और निम्नतम वर्ग का नैतिकता से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि वे क्रमशः "अमीरी में मरते हैं और गरीबी में घुटते हैं"। न्यायालय ने कहा कि उच्चतम वर्ग के लिए, कोई नैतिकता नहीं है और निम्नतम वर्ग गरीबी की मजबूरियों के कारण इसका पालन नहीं कर सकता है।

    अदालत ने अदनान (अभियुक्त) को जमानत देते हुए मामले में ये टिप्पणियां कीं, जिसे 18 अप्रैल, 2023 को अपने लिव-इन पार्टनर से शादी करने के वादे से मुकरने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

    केस टाइटलः अदनान बनाम यूपी राज्य और 3 अन्य [आपराधिक विविध जमानत आवेदन संख्या-27288/2023]

    केस साइटेशन: 2023 लाइव लॉ (एबी) 300

    ऑर्डर पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

    Next Story