दिल्ली कोर्ट ने लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग करने वाली मनीष सिसोदिया की याचिका पर ED, CBI से जवाब मांगा
Shahadat
12 April 2024 3:25 PM IST
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया।
कथित शराब नीति घोटाला मामले में सिसौदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
राउज़ एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने अंतरिम जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जवाब मांगा और इसे 20 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
ऐसा तब हुआ जब ED की ओर से पेश हुए विशेष वकील जोहेब हुसैन और साथ ही CBI की ओर से पेश वकील ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा।
सिसौदिया की ओर से वकील विवेक जैन पेश हुए।
ED और CBI दोनों मामलों में ट्रायल कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत से इनकार के खिलाफ सिसोदिया की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी थी। उनकी क्यूरेटिव याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं।
उनकी दूसरी जमानत याचिका फिलहाल स्पेशल जज के समक्ष लंबित है।
मनीष सिसौदिया को पहली बार पिछले साल क्रमश: 26 फरवरी और 9 मार्च को CBI और ED ने गिरफ्तार किया था।
CBI द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में सिसौदिया और अन्य पर 2021-22 की उत्पाद नीति के संबंध में 'सिफारिश' करने और 'निर्णय लेने' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया, "सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से" लाइसेंसधारी पोस्ट टेंडर है।”
केंद्रीय एजेंसी ने यह भी दावा किया कि AAP नेता को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उन्होंने गोल-मोल जवाब दिए और सबूतों के सामने आने के बावजूद जांच में सहयोग करने से इनकार किया।
दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि कुछ निजी कंपनियों को थोक व्यापार में 12 प्रतिशत का लाभ देने की साजिश के तहत उत्पाद शुल्क नीति लागू की गई थी। हालांकि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के मिनटों में ऐसी किसी शर्त का उल्लेख नहीं किया गया।
एजेंसी ने यह भी दावा किया कि थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए विजय नायर और साउथ ग्रुप के साथ अन्य व्यक्तियों द्वारा साजिश रची गई। एजेंसी के मुताबिक, नायर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की ओर से काम कर रहे थे।
दोनों मामलों में सिसौदिया की जमानत अर्जी स्पेशल जज एमके नागपाल (अब स्थानांतरित) ने पिछले साल 31 मार्च और 28 अप्रैल को खारिज कर दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों मामलों में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार किया, जिसके बाद उन्होंने इन दोनों फैसलों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
पिछले साल 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को जमानत देने से इनकार कर दिया था।