लॉरेंस बिश्नोई ने कथित तौर पर हाई सिक्योरिटी जेल से जबरन वसूली के लिए फोन किया, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एडीजीपी को जांच करने का निर्देश दिया

Shahadat

11 Nov 2023 9:07 AM GMT

  • लॉरेंस बिश्नोई ने कथित तौर पर हाई सिक्योरिटी जेल से जबरन वसूली के लिए फोन किया, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एडीजीपी को जांच करने का निर्देश दिया

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एडिशनल पुलिस डायरेक्टर जनरल (एडीजीपी) (जेल) पंजाब को यह जांच करने का निर्देश दिया कि क्या हाई सिक्योरिटी जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पास जेल में मोबाइल फोन तक पहुंच है।

    यह घटनाक्रम सैन्य ठेकेदार द्वारा दायर की गई सुरक्षा याचिका के बाद हुआ। उक्त याचिका में आरोप लगाया गया कि अक्टूबर में दीपक टीनू ने फोन किया और उसे बिश्नोई के साथ कॉन्फ्रेंस में शामिल किया, जिसने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। राज्य के वकील ने माना कि बिश्नोई उस समय हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था।

    जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज ने कहा,

    "यह पहलू कि हाई सिक्योरिटी जेल में बंद होने के बावजूद, उक्त गैंगस्टर के पास मोबाइल/फोन नंबरों तक पहुंच है, जिससे फिरौती के लिए बातचीत की जा सके, यह गंभीर चिंता का विषय है।"

    यह कहते हुए कि राज्य के वकील इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि उक्त तिथि पर लॉरेंस बिश्नोई हिरासत में था या नहीं, अदालत ने निर्देश दिया,

    "मामले को एडिशनल पुलिस डायरेक्टर जनरल (जेल) पंजाब के संज्ञान में लाया जाए। किसी कैदी के मोबाइल/फोन नंबर तक पहुंच होने की घटना के बारे में जांच करें और जिम्मेदारी, यदि कोई हो, तय करें।"

    याचिकाकर्ता सुखबीर सिंह बराड़ ने बिश्नोई से जबरन वसूली के लिए कॉल प्राप्त करने के बाद "राजनीतिक रूप से निहित स्वार्थों के इशारे पर" मौजूदा सुरक्षा खतरे के कारण उसे दी गई सुरक्षा की बहाली के लिए याचिका दायर की।

    कोर्ट ने कहा कि पुलिस स्टेशन, कुलगारी, जिला फिरोजपुर में भारतीय दंड संहिता, 1860 की (आईपीसी) की धारा 386 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

    यह आरोप लगाया गया कि बराड़ को दो गार्ड उपलब्ध कराए गए, लेकिन याचिकाकर्ता को दिए गए सुरक्षा कवर को बढ़ाने के बजाय प्रतिवादी अधिकारियों ने मौजूदा सुरक्षा कवर वापस ले लिया गया।

    डीएसपी, पंजाब द्वारा प्रस्तुत स्टेटस रिपोर्ट पर गौर करते हुए कोर्ट ने कहा,

    "इस प्रकार यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता को खतरे का आकलन पहले ही किया जा चुका है और याचिकाकर्ता को सुरक्षा प्रदान करने की अस्थायी व्यवस्था की गई है।"

    अदालत ने कहा,

    इसलिए जहां तक याचिकाकर्ता से संबंधित सुरक्षा मुद्दे का सवाल है, कोई और निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यह देखा जा रहा है कि उपरोक्त स्थिति रिपोर्ट के पैराग्राफ नंबर 5 में सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर, फ़िरोज़पुर ने रिपोर्ट दी है कि "याचिकाकर्ता को दीपक टीनू और लॉरेंस बिश्नोई का फोन आया था।"

    उपरोक्त के आलोक में एडीजीपी (जेल) पंजाब को मामले की जांच करने और "आज (06 नवंबर) से 08 सप्ताह की अवधि के भीतर" अदालत के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए गए।

    गौरतलब है कि गुरुवार को हाईकोर्ट ने जेल परिसर के अंदर कैदियों द्वारा फोन के इस्तेमाल के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया और जानना चाहा कि "ऐसी प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रवेश पर अंकुश लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।"

    जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस कीर्ति सिंह की खंडपीठ ने दोनों राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी करते हुए बिश्नोई द्वारा दिए गए इंटरव्यू पर भी ध्यान दिया, जो सिद्धू मूसेवाला हत्या मामले में आरोपी है। जब इंटरव्यू प्रसारित हुआ तब बिश्नोई न्यायिक हिरासत में था।

    अपीयरेंस: याचिकाकर्ता के वकील वरुण गिरधर।

    केस टाइटल: सुखबीर सिंह बराड़ बनाम पंजाब राज्य और अन्य

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