गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एडमिशन फीस के भुगतान में एक दिन की देरी करने पर दो छात्रों को 'गैर-कॉलेजिएट' घोषित करने का लॉ कॉलेज का फैसला रद्द किया

Sharafat

2 Feb 2023 12:33 PM GMT

  • Gauhati High Court

    Gauhati High Court

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एडमिशन फीस के भुगतान में निर्धारित तारीख से एक दिन की देरी करने पर दो छात्रों को 'नॉन-कॉलेजिएट' घोषित करने वाले बीआरएम लॉ कॉलेज द्वारा जारी नोटिस को खारिज कर दिया और साथ ही स्टूडेंट को तीसरे वर्ष के 5वें सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी।

    याचिकाकर्ता, कल्याण बुरागोहेन और रोबिउल हुसैन बीआरएम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स में के छात्र हैं। । उनका मामला था कि उन्होंने 31.10.2022 को एडमिशन फीस जमा की, जबकि तारीख बढ़ाने के बाद फीस जमा करने की अंतिम तिथि 29.10.2022 थी।

    कॉलेज के प्राचार्य ने दिनांक 22.12.2022 के एक नोटिस में याचिकाकर्ताओं को 'गैर-कॉलेजिएट' के रूप में घोषित किया। इसके अलावा, विवादित नोटिस दिनांक 28.12.2022 द्वारा याचिकाकर्ताओं को अंतिम सेमेस्टर परीक्षा के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति नहीं दी गई।

    याचिकाकर्ताओं के वकील प्रकृतिश सरमा ने तर्क दिया कि विवादित आदेश मनमाना और अवैध है। उन्होंने आगे कहा कि याचिकाकर्ताओं ने सत्र 2022-23 के लिए अपना एडमिशन स्वीकार करने के लिए बीआरएम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के प्राचार्य के समक्ष प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया लेकिन कॉलेज के अधिकारियों ने कोई विचार नहीं किया।

    उच्च शिक्षा विभाग, असम सरकार के वकील एडवोकेट के. गोगोई ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं ने संबंधित अधिकारियों से सत्र 2022-23 के लिए अपनी एडमिशन फीस जमा करने के लिए कुछ और समय देने का अनुरोध करते हुए कोई आवेदन जमा नहीं किया था। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई आवेदन कॉलेज के अधिकारियों को मिला होता तो उन पर विचार किया जाता।

    जस्टिस मनश रंजन पाठक ने कहा कि छात्रों द्वारा फीस जमा करने में केवल एक दिन की देरी हुई जिसे जानबूझकर की गई देरी नहीं माना जा सकता।

    अदालत ने कहा,

    "न्यायालय इस तथ्य से भी अवगत है कि सत्र 2022-23 के लिए अपनी एडमिशन फीस 29.10.2022 तक जमा नहीं करने के लिए, यानी, इस तरह फीस जमा करने की अधिसूचित अंतिम तिथि पर, प्रतिवादी कॉलेज प्राधिकरण ने याचिकाकर्ताओं को बिना कॉलेजिएट किए गैर-कॉलेजिएट कर दिया। एक दिन की देरी को ध्यान में रखते हुए जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है और कॉलेज प्राधिकरण ने उन्हें आगामी 3 वर्षीय एलएलबी एंड सेमेस्टर एक्ज़ाम, 2022 के लिए उनके परीक्षा फॉर्म भरने से रोक दिया है, जिसके लिए याचिकाकर्ता अपना बहुमूल्य शैक्षणिक वर्ष गंवाने जा रहे हैं।"

    अदालत ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कॉलेज ने 29.10.2022 से 54 दिनों के बाद यह नोटिस जारी किया कि याचिकाकर्ताओं ने सत्र 2022-23 के लिए 3 साल के एलएलबी कोर्स के 5वें सेमेस्टर में प्रवेश नहीं लिया।

    कोर्ट ने देखा,

    "हमने देखा है कि प्रतिवादी कॉलेज के अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं से प्राप्त एडमिशन फीस उन्हें वापस नहीं की है। न तो उक्त राशि को उनके संबंधित बैंक खातों में जमा कर किया है और आज तक ना उक्त राशि को नकद या चेक द्वारा वापस किया है।"

    इस पृष्ठभूमि में अदालत ने सत्र 2022-23 के लिए एडमिशन फीस जमा करने के संबंध में एक दिन की देरी को माफ कर दिया और आक्षेपित नोटिस को रद्द कर दिया।

    अदालत ने कहा,

    "नतीजतन, उक्त कॉलेज में सत्र 2022-23 के लिए 3 साल के एलएलबी कोर्स के 5वें सेमेस्टर में प्रवेश के लिए 29.10.2022 तक एडमिशन फीस जमा नहीं करने के लिए याचिकाकर्ताओं को गैर-कॉलेजिएट के रूप में वर्गीकृत करने के फैसले को भी रद्द कर दिया गया है। परिणामस्वरूप प्रतिवादी अधिकारी याचिकाकर्ताओं को 3 साल के एलएलबी कोर्स के 5वें सेमेस्टर की परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।"


    केस टाइटल : कल्याण बुरागोहेन और अन्य। वी। असम राज्य और 5 अन्य।

    कोरम: जस्टिस मानस रंजन पाठक

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