लखीमपुर खीरी हिंसा : स्थानीय अदालत ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को ज़मानत देने से इनकार किया
LiveLaw News Network
13 Oct 2021 11:58 PM IST
एक स्थानीय अदालत ने लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना के सिलसिले में बुधवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को ज़मानत देने से इनकार कर दिया। लखीमपुर खीरी के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चिंता राम ने जमानत खारिज कर दी।
इसके अलावा यूपी पुलिस ने इस मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है, जो पूछताछ के लिए एसआईटी के सामने पेश हुए। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एसपी यादव ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि आशीष मिश्रा और उसके कथित साथी आशीष पांडे ने बुधवार को जमानत याचिका दायर की, लेकिन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंता राम ने याचिका खारिज कर दी।
इससे पहले सोमवार को,आशीष को लखीमपुर की एक अदालत ने शर्तों के साथ तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था, जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसकी हिरासत की मांग के लिए लखीमपुर खीरी कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। शनिवार को रात करीब 11 बजे यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद रविवार को उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
मिश्रा पर 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों का विरोध करने पर उसकी कार को कुचलने और उनमें से 4 की हत्या करने का आरोप लगाया गया है।
वह 9 अक्टूबर को यूपी पुलिस द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार लखीमपुर खीरी में अपराध शाखा कार्यालय के सामने पेश हुआ था। इसके बाद रविवार (10 अक्टूबर) को करीब 1 बजे 12 घंटे की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लखीमपुर जेल भेज दिया गया।
अजय मिश्रा को लखीमपुर खीरी की हालिया हिंसक घटना के संबंध में हत्या, आपराधिक साजिश के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में पहले ही नामज़द किया जा चुका है, जिसमें कुल 8 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से चार को कथित तौर पर एक वाहन द्वारा कुचल दिया गया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार मिश्रा ने 10 लोगों के वीडियो और हलफनामे उपलब्ध कराए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि घटना के समय, वह उस कार के अंदर नहीं था, जिसने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचला। यूपी पुलिस की एसआईटी ने गुरुवार को इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था, उसके बाद पुलिस ने आशीष मिश्रा के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर मामले में पेश होने को कहा था।
त्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव सहित एक सदस्यीय न्यायिक आयोग पहले ही नियुक्त कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लखीमपुर खीरी हिंसा में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की गई जांच पर अपना असंतोष दर्ज किया, जिसमें 8 लोगों के मरने का दावा किया गया था, जिनमें से चार किसान प्रदर्शनकारी थे, जिन्हें काफिले में केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के वाहनों द्वारा कथित रूप से कुचल दिया गया था।
सुनवाई के दौरान पीठ ने पूछा कि आरोपी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। जब साल्वे ने कहा कि पुलिस ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को समन जारी किया है, तो पीठ ने पूछा कि क्या सभी हत्या के मामलों में यही नियम है।