लखीमपुर खीरी हिंसा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी अंकित दास को मेडिकल ग्राउंड पर 15 दिनों की अंतरिम जमानत दी

Avanish Pathak

4 Sep 2022 6:43 AM GMT

  • लखीमपुर खीरी हिंसा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी अंकित दास को मेडिकल ग्राउंड पर 15 दिनों की अंतरिम जमानत दी

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी अंकित दास को मेडिकल ग्राउंड पर अल्पकालिक जमानत (Short-term bail) दी है।

    जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने संबंधित अदालत/मजिस्ट्रेट की संतुष्टि के लिए एक व्यक्तिगत बांड और समान राशि में प्रत्येक में दो जमानत दाखिल करने पर 15 दिनों के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

    दास उन 13 लोगों में शामिल हैं, जिन पर 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या का आरोप है। दास पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के भतीजे हैं।

    माना जा रहा है कि किसानों को धक्का देने वाली थार के पीछे चल रही एसयूवी दास की ही थी। उन पर धारा 147, 148, 149, 302, 120-बी, 307, 326/34 और 427/34 आईपीसी के साथ धारा 30 आर्म्स एक्ट और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मई 2022 में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

    हालांकि, उन्होंने चिकित्सा आधार पर अल्पकालिक जमानत की मांग करते हुए मौजूदा जमानत याचिका दायर की थी। उनके वकील ने कहा कि दास कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अक्टूबर 2021 से जेल में बंद रहने के दौरान उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया है।

    जेल की रिपोर्ट में कहा गया है कि दास का शुगर और एचटीएन नियंत्रण में है और जेल अस्पताल द्वारा उन्हें आवश्यक दवाएं और सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जरूरत पड़ी तो उन्हें उच्च केंद्रों पर ले जाया जाएगा, हालांकि फिलहाल उनकी सेहत सामान्य है।

    जेल की रिपोर्ट पर सवाल उठाए बिना दास के वकील सलिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि दास को लिवर फाइब्रोसिस के लिए नियमित जांच कराने की जरूरत है। उनकी कैद की तारीख यानी 13.10.2021 से लीवर फाइब्रोसिस के संबंध में उनकी कोई जांच नहीं की गई है।

    उन्होंने आगे कहा कि लिवर फाइब्रोसिस से कैंसर हो सकता है। इसके साथ ही यह प्रार्थना की गई कि यदि न्यायालय उचित समझे तो आवेदक को उसका चेकअप ठीक से कराने के लिए अल्पकालीन जमानत दे सकता है। उक्त तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आवेदक कथित रूप से लीवर फाइब्रोसिस से पीड़ित है और उसे नियमित जांच कराने की आवश्यकता है, अदालत ने कहा कि उसे चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत देना उचित होगा।

    इसलिए कोर्ट ने दास को 15 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया। उन्हें जेल से रिहा होने की तारीख से 15वें दिन की समाप्ति पर तुरंत संबंधित निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया।

    इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 20 सितंबर 2022 के लिए सूचीबद्ध किया है।

    केस टाइटल- अंकित दास पुत्र गोपाल दास (अल्पकालिक जमानत) बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, होम लखनऊ के माध्यम से [CRIMINAL MISC. BAIL APPLICATION No. - 9049 of 2022]

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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