खेड़ा में मुस्लिम युवक की पिटाई का मामला: गुजरात हाईकोर्ट ने 'डीके बसु दिशानिर्देशों' के कथित उल्लंघन के लिए 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अवमानना ​​के आरोप तय किए

Shahadat

4 Oct 2023 7:39 AM GMT

  • खेड़ा में मुस्लिम युवक की पिटाई का मामला: गुजरात हाईकोर्ट ने डीके बसु दिशानिर्देशों के कथित उल्लंघन के लिए 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अवमानना ​​के आरोप तय किए

    गुजरात हाईकोर्ट ने डीके बसु दिशानिर्देशों के कथित उल्लंघन के कारण पिछले साल अक्टूबर में खेड़ा जिले में मुस्लिम युवकों को सार्वजनिक रूप से पीटने के आरोपी चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ आज अवमानना ​​के आरोप तय किए।

    जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस एमआर मेंगडे की खंडपीठ ने दोषी अधिकारियों को अपने बचाव में हलफनामा दाखिल करने का समय दिया और मामले की सुनवाई 11 अक्टूबर को तय की।

    जब गलती करने वाले पुलिसकर्मियों में से एक के वकील, जो घटना के वीडियो में भीड़ के पास बैठा देखा गया, ने तर्क दिया कि वह केवल बैठा था और इस प्रकार, उस पर अदालत की अवमानना ​​का आरोप लगाने का कोई कारण नहीं था तो अदालत ने टिप्पणी की कि उक्त पुलिसकर्मी ने कोड़े मारने की कार्रवाई को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि उसने कोड़े मारने की कार्रवाई में सक्रिय रूप से भाग लिया था।

    उल्लेखनीय है कि अवमानना ​​के आरोप तय करने का आदेश पीठ द्वारा अगस्त 2023 में दायर नडियाद में सीजेएम कोर्ट की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद पारित किया गया था, जिसमें स्थानीय अपराध शाखा निरीक्षक (एवी परमार), सब-इंस्पेक्टर (डी.बी. कुमावत), हेड कांस्टेबल (कनकसिंह लक्ष्मण सिंह) और एक कांस्टेबल (राजू रमेशभाई डाभी) सहित घटना में आरोपी 14 पुलिसकर्मियों में से 4 की पहचान की गई थी।

    इससे पहले, इस साल जुलाई में एचसी ने संबंधित सीजेएम को पेन ड्राइव और घटना से संबंधित वीडियो सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का विश्लेषण करने का निर्देश दिया था। यह निर्देश पीड़ित परिवार के 5 सदस्यों द्वारा आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर दिया गया था।

    कथित तौर पर युवकों के समूह को खंभे के पास लाया गया, जहां उनके साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया गया।

    पुलिस की यह कार्रवाई कथित तौर पर खेड़ा जिले के मटर तालुका स्थित उंधेला गांव में सांप्रदायिक झड़प के बाद हुई थी। आरोप है कि नवरात्रि समारोह के दौरान कुछ घुसपैठियों ने भीड़ पर पथराव किया। घटना में कम से कम 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

    पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या कोई कानून इसकी इजाजत देता है कि 'किसी आरोपी को खंभे से बांधकर सबके सामने पीटा जा सकता है?'

    इस साल जनवरी में गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि उसने कोड़े मारने के मामले में पुलिस इंस्पेक्टर सहित 5 पुलिसकर्मियों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है।

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