हाईकोर्ट में लॉ ग्रेजुएट की याचिका पर सुनवाई, बार काउंसिल ऑफ केरल में एनरॉलमेंट कराने की मांग

Amir Ahmad

22 Aug 2025 2:00 PM IST

  • हाईकोर्ट में लॉ ग्रेजुएट की याचिका पर सुनवाई, बार काउंसिल ऑफ केरल में एनरॉलमेंट कराने की मांग

    केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार (22 अगस्त) को लॉ ग्रेजुएट द्वारा दायर याचिका पर राज्य बार काउंसिल में एनरॉलमेंट प्रक्रिया शुरू करने की मांग पर स्टैंडिंग काउंसिल से जवाब मांगा।

    मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एन. नागरेश ने हाईकोर्ट के स्टैंडिंग काउंसल को निर्देश दिया कि वह एनरॉलमेंट कराने की संभावना पर आवश्यक निर्देश प्राप्त करें।

    याचिकाकर्ता ने अपने आवेदन में कहा कि उन्होंने जून 2025 में बार काउंसिल ऑफ केरल से संपर्क कर अगली एनरॉलमेंट प्रक्रिया की अधिसूचना के बारे में जानकारी मांगी थी लेकिन उन्हें बताया गया कि इस संबंध में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।

    याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यशवंत शेनॉय बनाम बार काउंसिल ऑफ केरल मामले में कहा कि वर्तमान बार काउंसिल ऑफ केरल का गठन अवैध है, क्योंकि इसके सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इसके बाद न तो कोई नया चुनाव हुआ और न ही एडवोकेट एक्ट, 1961 की धारा 8ए के तहत बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने कोई विशेष समिति गठित की। इस निर्णय के खिलाफ BCI ने पुनर्विचार याचिका दायर की, जिस पर आदेश सुरक्षित रखे गए।

    याचिकाकर्ता का तर्क है कि एडवोकेट एक्ट, 1961 की धारा 58 के तहत हाईकोर्ट को यह अधिकार है कि यदि राज्य बार काउंसिल का गठन न हुआ हो या वह काम करने में असमर्थ हो तो वह स्वयं एनरॉलमेंट प्रक्रिया आयोजित कर सके। इसके लिए उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से हाईकोर्ट को भी प्रतिनिधित्व भेजा, जिसे अस्वीकार कर दिया गया।

    याचिकाकर्ता का कहना है कि उनके जैसे कई लॉ ग्रेजुएट अन्य राज्यों में नामांकित हो चुके हैं और केरल में एनरॉलमेंट प्रक्रिया में हो रही देरी उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

    मामले की अगली सुनवाई सोमवार (25 अगस्त) को होगी।

    केस टाइटल: स्टीफन वी. थॉमस बनाम बार काउंसिल ऑफ इंडिया एवं अन्य

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