अरुंधति की किताब के खिलाफ याचिका दायर करने वाले वकील को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, नोटिस न देखने पर उठाए सवाल
Amir Ahmad
25 Sept 2025 3:46 PM IST

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (25 सितंबर) को वकील से मौखिक रूप से सवाल किया कि उन्होंने अरुंधति रॉय की किताब 'Mother Mary Comes To Me' पर PIL दायर करते समय इसके पिछले पृष्ठ पर मौजूद धूम्रपान संबंधी डिस्क्लेमर पर ध्यान क्यों नहीं दिया।
मामला एक PIL से संबंधित है, जिसमें वकील ने किताब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी यह दावा करते हुए कि किताब पर स्टेट्यूटरी लेबल नहीं लगाया गया।
डिवीजन बेंच जिसमें चीफ जस्टिस नितिन जमदार और जस्टिस बसंत बालाजी शामिल थे, ने मौखिक रूप से कहा कि वकील ने किताब अदालत को दिखाई तक नहीं। वकील ने बताया कि उन्होंने केवल एक बुकस्टॉल पर जाकर किताब की फोटो ली थी।
अदालत ने कहा कि COTPA (Cigarettes and Other Tobacco Products Act) के तहत संबंधित प्राधिकरण के पास जाने का विकल्प था, जिसे वकील ने अनदेखा किया।
वहीं, पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया ने जवाबी हलफनामे में किताब के पिछले पृष्ठ की फोटो प्रस्तुत की, जिसमें लिखा था: “Any depiction of smoking in this book is for representational purposes only. Penguin Random House India does not promote or endorse tobacco use.”
अदालत ने वकील से पूछा कि PIL में डिस्क्लेमर की जानकारी क्यों नहीं दी गई।
वकील ने कहा कि उन्होंने किताब का पूरा अध्ययन नहीं किया और केवल कवर देखा। अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की PIL उचित रूप से शोध किए बिना दायर की गई। इसमें सवाल उठता है कि क्या इसे स्वीकार किया जा सकता है।
न्यायालय ने वकील को विकल्प दिया कि वह मामले को COTPA प्राधिकरण के समक्ष ले जाना चाहते हैं या किताब की बिक्री पर रोक के विषय में मेरिट्स पर बहस करना चाहते हैं।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को सूचीबद्ध की।

