फ़ैमिली कोर्ट की सुनवाई में बाधा डालने वाले एडवोकेट क्लर्क को केरल हाईकोर्ट ने ज़मानत दी

LiveLaw News Network

12 July 2020 5:53 AM GMT

  • फ़ैमिली कोर्ट की सुनवाई में बाधा डालने वाले एडवोकेट क्लर्क को केरल हाईकोर्ट ने ज़मानत दी

    केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट ने उस एडवोकेट क्लर्क को ज़मानत दे दी है जिस पर फ़ैमिली कोर्ट की सुनवाई में बाधा डालने का आरोप है। उसके ख़िलाफ़ फ़ैमिली कोर्ट के जज ने शिकायत दर्ज करायी थी और कहा था कि उसने एक पुलिसकर्मी को गालियां दी थी।

    जज की शिकायत के आधार पर पुलिस ने क्लर्क के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 353, 354(A)(1)(iv) और 509 के तहत मामला दर्ज किया था।

    न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन की बेंच ने याचिकाकर्ता और अभियोजन पक्ष का दलील सुनने के बाद कहा कि इस मामले में सरकारी कर्मचारी को काम करने से रोकने के लिए आईपीसी की धारा 353 के तहत आपराधिक ताक़त के प्रयोग की बात नहीं है। और याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ जो अन्य आरोप लगाए गए हैं वे ग़ैर-ज़मानती अपराध से जुड़े हैं।

    पृष्ठभूमि

    याचिकाकर्ता, जो कि एक एडवोकेट क्लर्क है, उसके ख़िलाफ़ आरोप यह था कि उनसे एत्तमानूर फ़ैमिली कोर्ट में जब अदालत की कार्यवाही चल रही थी, बाधा उत्पन्न की और इस बारे में जब पुलिस ने याचिकाकर्ता से पूछताछ की तो उसने पुलिसकर्मी के साथ भी दुर्व्यवहार किया।

    फ़ैमिली कोर्ट के जज ने पुलिसकर्मी के बयान के आधार पर पुलिस अधीक्षक, कोट्टायम को यह शिकायत भेज दी जिसने इसे एत्तमानूर पुलिस थाने को भेज दिया और मामला दर्ज कर लिया गया।

    गलती का अफ़सोस

    याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि उसने जानबूझकर कोई अपराध नहीं किया है। ग़ुस्से में उसके मुंह से कुछ शब्द निकला जिसके लिए उसको अफ़सोस है और वह जज के समक्ष माफ़ी मांगने के लिए तैयार है।

    सख्त शर्तें

    अदालत ने एडवोकेट क्लर्क की व्यवहार पर नाराज़गी जतायी और उसे जांच होने और सुनवाई पूरी हो जाने तक कोट्टायम ज़िला के किसी भी अदालत कक्ष में प्रवेश नहीं करने का आदेश दिया।

    अदालत ने कहा,

    "याचिकाकर्ता जो कि एक पंजीकृत एडवोकेट क्लर्क है, उसके व्यवहार की प्रशंसा नहीं की जा सकती। इसलिए याचिकाकर्ता जांच पूरी होने और सुनवाई समाप्त होने तक किसी मामले में उसकी पेशी को छोड़कर, वह कोट्टायम ज़िले के किसी भी अदालत कक्ष में प्रवेश नहीं करेगा।"

    अदालत ने जांच और पूछताछ में पूरा सहयोग देने की शर्त पर उसको ज़मानत दे दी। अदालत ने उसे अंतिम रिपोर्ट तैयार होने और संबंधित अदालत में पेश होने तक सभी सोमवार और शुक्रवार को सुबह 10 बजे जाँच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा।

    मामले का विवरण:

    केस : अनीश बी कुमार बनाम केरल राज्य एवं अन्य

    नंबर : ज़मानत नंबर 1653, 2020

    कोरम : न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन

    आदेश की तिथि : 08/07/2020

    आदेश की प्रति डाउनलोड करें



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