केरल हाईकोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश आर. भास्करन को सबरीमाला और मलिकप्पुरम मंदिरों में 'मेलसैंथियों' के चयन के लिए पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया

Shahadat

24 Sep 2022 6:19 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश आर. भास्करन को सबरीमाला और मलिकप्पुरम मंदिरों में मेलसैंथियों के चयन के लिए पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया

    केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस आर. भास्करन को वर्ष 2022-23 (1198 एमई) के लिए सबरीमाला श्री धर्म संस्था मंदिर और मलिकप्पुरम मंदिर में 'मेलसंथी' के चयन की कार्यवाही की निगरानी के लिए 'पर्यवेक्षक' के रूप में नियुक्त किया।

    जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन और जस्टिस पी.जी. अजितकुमार की खंडपीठ ने चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में सबरीमाला विशेष आयुक्त की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद यह निर्देश दिया।

    सबरीमाला और मलिकप्पुरम दोनों मंदिर त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड के अंतर्गत आते हैं और मेल्संथियों को हर साल वृश्चिकम के पहले से अगले साल 31 वें थुलम तक एक वर्ष की अवधि के लिए रिवाज और परंपरा के हिस्से के रूप में चुना जाता है। केवल दो मंदिरों की "पवित्रता और दिव्यता का व्यवहार" करने वाले कद और अनुभव वाले व्यक्ति को ही मेलसंथी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

    वर्ष 2022-23 के लिए मेलसैंथियों के चयन के लिए पहले ही आवेदन मांगे जा चुके हैं और सतर्कता जांच के बाद 58 आवेदकों (सबरीमाला श्री धर्म संस्था मंदिर के लिए 35 आवेदक और मलिकप्पुरम मंदिर के लिए 23 आवेदकों) को साक्षात्कार के लिए अनुशंसित किया गया, जिसे 26 और 27 सितंबर, 2022 को देवस्वम बोर्ड प्रधान कार्यालय में आयोजित किया जाना है। इन सफल उम्मीदवारों में से ही शॉर्टलिस्ट तैयार की जाएगी और ड्रा के माध्यम से उपरोक्त मंदिरों के मेल्संथियों का चयन किया जाएगा।

    कोर्ट ने निर्देश दिया कि सबरीमाला के लिए लड़के (10 वर्ष से अधिक नहीं) और मलिकप्पुरम के लिए लड़की (10 वर्ष की आयु से अधिक नहीं) को दो मंदिरों के मेल्संथियों के चयन के लिए पहले की एक बस्ती का क्लॉज 2 (एफ) के अनुसार, लॉट निकालने के उद्देश्य से प्रतिनियुक्त किया जाए।

    जस्टिस आर. भास्करन को दो मंदिरों के मेल्संथियों के चयन के लिए कार्यवाही की निगरानी करने का निर्देश दिया गया। त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड पर ऑब्जर्वर के आने-जाने और ठहरने की आवश्यक व्यवस्था करने का दायित्व भी थोपने के बाद ड्रॉ के समय उन्हें सबरीमाला में रहने का भी निर्देश दिया गया।

    यह देखते हुए कि वर्ष 2019-20 में नियुक्त पर्यवेक्षक ने साक्षात्कार के समय तीन थानथरीज द्वारा दिए गए अंकों में विसंगतियों की सूचना दी थी, अदालत ने इस मामले में पर्यवेक्षक को साक्षात्कार की समाप्ति के बाद अदालत के समक्ष रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि अत्यधिक अंक देकर किसी विशेष उम्मीदवार को वास्तव में सहायता नहीं दी जाए।

    यह भी निर्देश दिया गया कि चयन समिति के सभी सदस्यों को त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड के प्रधान कार्यालय में अग्रिम रूप से उपस्थित होना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चयन समिति के सभी सदस्यों के साथ साक्षात्कार सुबह 09:00 बजे शुरू हो।

    कोर्ट द्वारा आगे निर्देश भी जारी किए गए, जैसे कि मार्कशीट में केवल बॉलपॉइंट पेन का उपयोग करके प्रविष्टियां, ऑब्जर्वर द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित मार्कशीट और त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड के आयुक्त की सुरक्षित हिरासत में रखा जाना और कार्यवाही की वीडियोग्राफी करना।

    विशेष आयुक्त, सबरीमाला को साक्षात्कार के बाद अदालत के समक्ष रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया, जिसे अगले कार्य दिवस पर सूचीबद्ध किया जाना है। साथ ही चयन कार्यवाही की सीडी, अंक सूची और अदालत के समक्ष छोटी सूची पेश करने का निर्देश दिया गया। यह निर्देश दिया गया कि उपरोक्त प्रस्तुत करने के बाद त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड न्यायालय द्वारा पारित किए जाने वाले आदेशों के अधीन, ड्रा के साथ आगे बढ़ सकता है।

    केस टाइटल: स्वतः संज्ञान बनाम केरल राज्य और अन्य।

    साइटेशन: लाइव लॉ (केरल) 498/2022

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