कर्नाटक हाईकोर्ट ने गैंगस्टर रवि पुजारी के प्रत्यर्पण आदेश में उल्लिखित मामलों में मुकदमे के खिलाफ याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा
Shahadat
26 July 2023 12:19 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या प्रत्यर्पण संधि में उल्लिखित कुछ मामलों में मुकदमा चलाने के लिए किसी विदेशी देश से भारत में प्रत्यर्पित किए गए आरोपी पर अन्य अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है।
जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश पीठ ने गैंगस्टर रवि पुजारी उर्फ रविप्रकाश द्वारा दायर याचिका में स्पष्टीकरण मांगा, जिसे वर्ष 2020 में सेनेगल से भारत प्रत्यर्पित किया गया और वर्तमान में वह महाराष्ट्र की जेल में बंद है।
वकील दिलराज जूड रोहित सिकेरा के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया कि पुजारी पर कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में 107 मामले दर्ज हैं। हालांकि, प्रत्यर्पण अदालत ने उन मामलों की सूची का उल्लेख किया, जिनमें उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। इसलिए यह तर्क दिया गया कि पुजारी से पूछताछ करना और प्रत्यर्पण आदेश में उल्लिखित मामलों के अलावा अन्य मामलों में मुकदमा चलाना प्रत्यर्पण अधिनियम की धारा 21 का उल्लंघन है।
यह तर्क दिया गया,
"प्रत्यर्पण अधिनियम की धारा 21 के अनुसार, जिस व्यक्ति को प्रत्यर्पित किया गया है, उस पर केवल प्रत्यर्पण आदेश में उल्लिखित मामलों में ही मुकदमा चलाया जा सकता है, अन्य मामलों में नहीं।"
पुजारी का यह भी दावा है कि लगभग 3 साल तक न्यायिक हिरासत में रहने के बावजूद राज्य ने मामलों की जांच करने और प्रत्यर्पण आदेश में उल्लिखित मामलों में आरोप पत्र दायर करने के लिए कदम नहीं उठाए। उनका दावा है कि इससे उनके हित खतरे में पड़ जाते हैं और अगर ऐसी प्रथा अपनाई जाती है तो किसी आरोपी के कैद से बाहर आने की कोई उम्मीद नहीं रहेगी।
यह कहा गया,
“महाराष्ट्र राज्य से संबंधित मामले अभी भी जांच चरण में हैं। ठाणे 6 से संबंधित मामलों की जांच अभी बाकी है। ठाणे जिले से संबंधित पुलिस ने प्रतिवादी नंबर 05 ने पिछले 3 वर्षों में जांच के उद्देश्य से याचिकाकर्ता की हिरासत सुरक्षित करने का कोई प्रयास नहीं किया।'
याचिका में उत्तरदाताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि पुजारी के खिलाफ लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाए। साथ ही बहस के समय निम्नलिखित आधारों का भी आग्रह किया जाए।
केस टाइटल: रवि पुजारी @ रविप्रकाश और भारत संघ एवं अन्य
केस नंबर: WP 907/2023.