कर्नाटक हाईकोर्ट ने नाबालिग पत्नी को गर्भवती करने वाले मुस्लिम व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो मामला रद्द किया

Shahadat

2 Nov 2022 5:02 AM GMT

  • हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक

    कर्नाटक हाईकोर्ट

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी नाबालिग पत्नी को गर्भवती करने वाले मुस्लिम व्यक्ति के खिलाफ दर्ज पॉक्सो मामले (PCOSO Case) खारिज कर दिया। आरोपी और पीड़िता के बीच समझौता होने के बाद मामला शांत हो गया। दोनों ने मुस्लिम कानून के तहत शादी की थी।

    जस्टिस के.नटराजन द्वारा आदेश पारित किया गया कि पॉक्सों एक्ट व्यक्तिगत कानून को ओवरराइड करता है और इस प्रकार, यौन गतिविधियों में शामिल होने की आयु 18 वर्ष है।

    वर्तमान याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला बीजीएस ग्लोबल अस्पताल से सूचना मिलने पर चंद्र लेआउट पुलिस द्वारा दर्ज की गई स्वत: संज्ञान शिकायत पर स्थापित किया गया कि पीड़ित लड़की मेडिकल जांच के लिए अस्पताल आई थी और वह गर्भवती है। लड़की नाबालिग है, जिसकी उम्र लगभग 17 साल और 2 महीने है।

    याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि मुस्लिम कानून के अनुसार, यदि कोई लड़की 15 वर्ष की है और यौवन प्राप्त करती है तो वह विवाह कर सकती है। अब पीड़िता ने वयस्कता प्राप्त कर ली है और एक बच्चे को जन्म दिया है, जो दो महीने का है। दोनों पक्षों ने अपने मुद्दे को सुलझा लिया है, इसलिए उन्होंने आपराधिक कार्यवाही रद्द करने के लिए प्रार्थना की।

    पीठ ने मोहम्मद समीम बनाम हरियाणा राज्य और अन्य, डब्ल्यू.पी. नंबर 532/2018 के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट और फिजा और अन्य बनाम दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और अन्य, डब्ल्यू.पी. (Crl) No.763/2022 में दिल्ली हाईकोर्ट का निर्णयों पर भरोसा किया, जिसमें पॉक्सो एक्ट के साथ-साथ आईपीसी और बाल विवाह निरोधक अधिनियम पर विचार करने वाली आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी गई थी।

    पीठ ने कहा,

    "दोनों पक्षों के संयुक्त हलफनामे से पता चलता है कि पक्षकारों ने विवाद में इस मुद्दे को सुलझा लिया। मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए आपराधिक कार्यवाही की अनुमति देना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है और इससे कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। यदि सुनवाई के दौरान पीड़िता मुकर जाती है और जांच अधिकारी द्वारा याचिकाकर्ताओं के खिलाफ जांच कराने का सवाल एक निरर्थक कवायद है... दोनों पक्षों को विवाद को सुलझाने और अपराध को कम करने की अनुमति है।"

    तदनुसार, कोर्ट ने याचिका की अनुमति दी और आईपीसी की धारा 376, 376 (2) (एन), पोक्सो अधिनियम की धारा 5 (एल), 6 और 17 और बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम की धारा 9 और 11 के तहत कार्यवाही रद्द कर दी।

    केस टाइटल: मोहम्मद वसीम अहमद और अन्य बनाम चंद्र लेआउट पुलिस स्टेशन, राज्य।

    केस नंबर: आपराधिक याचिका नंबर 5917/2022

    साइटेशन: लाइव लॉ (कर) 436/2022

    आदेश की तिथि: 10 अक्टूबर, 2022

    उपस्थिति: मुजफ्फर अहमद, याचिकाकर्ताओं के वकील; बीजे रोहित, आर1 के लिए एचसीजीपी; एडवोकेट एस. योगेंद्र, आर2एस के लिए।

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