जस्टिस एचपी संदेश के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए वकील ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया
Shahadat
15 July 2022 2:44 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख करते हुए एडवोकेट ने राज्य सरकार को जस्टिस एच.पी. संदेश को सुरक्षा दिए जाने की मांग की है।
जस्टिस संदेश ने हाल ही में उपायुक्त, बेंगलुरु (शहरी) से जुड़े मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की गई जांच की आलोचना करने के लिए "स्थानांतरण की धमकी" के बारे में सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
जस्टिस संदेश ने 11 जुलाई को अपने आदेश में दर्ज किया कि एक जुलाई को फॉर्मर चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी को विदाई देने के लिए हाईकोर्ट द्वारा आयोजित विदाई रात्रिभोज समारोह के दौरान मौजूदा न्यायाधीश द्वारा उन्हें स्थानांतरित करने की अप्रत्यक्ष धमकी दी गई थी।
एडवोकेट रमेश नाइक एल द्वारा दायर याचिका में उपरोक्त आरोपों की जांच के लिए हाईकोर्ट की देखरेख में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की गई।
याचिका में कहा गया कि मांगी गई राहत न्यायिक प्रणाली के समग्र लाभ के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस तरह की धमकियां न्यायाधीशों को उनके संवैधानिक कर्तव्यों के निष्पक्ष निर्वहन में बाधा डालती हैं। यह प्रस्तुत किया जाता है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनाए रखने और न्यायपालिका में लोगों के विश्वास को पोषित करने के लिए मांगी गई राहत आवश्यक है।
याचिका में कहा गया,
"माननीय हाईकोर्ट के न्यायाधीश द्वारा खुली अदालत में अपने संवैधानिक कर्तव्यों को ईमानदारी से और आम जनता के हित में "स्थानांतरण के खतरे" के बारे में खुलासा किया। माई लॉर्ड को 'खतरे होने की बात' यह सार्वजनिक डोमेन में गलत संदेश भेजता है। इसे ठीक से संबोधित नहीं किया गया है और अंततः यह उस दृढ़ विश्वास को हिला देता है जो भारत के लोगों ने हाईकोर्ट और उसके न्यायाधीशों पर व्यक्त किया है।"
इसमें कहा गया है कि संविधान का अनुच्छेद 222 हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के स्थानांतरण और किसी भी हाईकोर्ट के न्यायाधीश के स्थानांतरण के संबंध में किसी भी खतरे, दबाव, जबरदस्ती, महत्वाकांक्षा, अनुचित प्रभाव, अंदर या बाहर की ताकतों से प्रलोभन के संबंध में प्रक्रिया से संबंधित है, तो यह संविधान का घोर उल्लंघन है।
याचिका में जोर दिया गया कि न्यायिक स्वतंत्रता संविधान की मूल संरचना है और इसे न्यायाधीशों को अनुचित "धमकी" से कम नहीं माना जा सकता।
केस टाइटल: रमेश नाइक.एल बनाम कर्नाटक राज्य
एफआर नंबर: 13570/2022