'ऑनलाइन गेमिंग' अधिनियम को चुनौती देने वाली दूसरी याचिका पर केंद्र को नोटिस
Shahadat
8 Sept 2025 12:29 PM IST

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को नए अधिनियमित ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली दूसरी याचिका पर भारत संघ को नोटिस जारी किया। यह अधिनियम 'ऑनलाइन मनी गेम्स' और बैंक सेवाओं व उससे संबंधित विज्ञापनों की पेशकश पर प्रतिबंध लगाता है।
जस्टिस बी एम श्याम प्रसाद ने के आनंद और एक अन्य द्वारा दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया।
सुनवाई के दौरान, भारत संघ की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर उस याचिका के बारे में जानकारी दी, जिसमें विभिन्न हाईकोर्ट में इस कानून को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की गई।
इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।
इस याचिका में यह घोषित करने की मांग की गई कि अधिनियम की धाराएं 2(1) (जी) और 5, जहां तक वे ऑनलाइन कौशल खेलों (मौद्रिक दांव के साथ या बिना) पर लागू होती हैं, असंवैधानिक हैं और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए), 19(1) (जी) और 21 का उल्लंघन करती हैं। संसद की विधायी क्षमता से परे हैं।
अंतरिम राहत के रूप में याचिका में उक्त अधिनियम की धाराएं 2(1) (जी) और 5 के प्रभाव पर रोक लगाने की मांग की गई, जहां तक वे ऑनलाइन कौशल खेलों (मौद्रिक दांव के साथ या बिना) पर लागू होती हैं।
30 अगस्त को हाईकोर्ट ने हेड डिजिटल वर्क्स - जो 'ए23 रम्मी' का संचालन करता है - द्वारा दायर याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जो अधिनियम को भी चुनौती देता है।

