हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर SIT से आपत्तियां मांगीं
Shahadat
28 Oct 2025 1:42 PM IST

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को विशेष जांच दल (SIT) को दोषी प्रज्वल रेवन्ना द्वारा दायर उस याचिका पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने का निर्देश दिया, जिसमें उस पर लगाई गई आजीवन कारावास की सज़ा को निलंबित करने और ज़मानत पर रिहा करने की मांग की गई। यह याचिका रेवन्ना द्वारा हसन ज़िले के होलेनरसीपुरा ग्रामीण पुलिस थाने में दर्ज पहले बलात्कार के मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली अपील के तहत दायर की गई।
विशेष लोक अभियोजक प्रोफ़ेसर रविवर्मा कुमार ने SIT की ओर से पेश होते हुए कहा कि वह दोषी द्वारा दायर याचिका पर आपत्तियां दर्ज करेंगे और इसके लिए समय मांगा। जस्टिस के.एस. मुदगल और जस्टिस वेंकटेश नाइक टी की पीठ ने मामले की सुनवाई 13 नवंबर के लिए निर्धारित की।
अपीलकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि अभियोजन पक्ष से अनुरोध किया जाए कि वह अगली तारीख से एक सप्ताह पहले आपत्तियां प्रस्तुत करें।
एडिशनल सिटी सिविल एवं सेशन जज संतोष गजानन भट ने 3 अप्रैल को रेवन्ना के खिलाफ धारा 376(2)(के) (प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा बलात्कार), 376(2)(एन) (बार-बार बलात्कार), 354(ए) (यौन उत्पीड़न), 354(बी) (कपड़े उतारने के इरादे से हमला या बल प्रयोग), 354(सी) (चुपके से देखना), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (साक्ष्य मिटाना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(ई) के तहत आरोप तय किए।
जज ने उन्हें सभी आरोपों में दोषी ठहराया और 2 अगस्त को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
अपनी अपील में प्रज्वल ने तर्क दिया कि SIT उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए राजनीतिक दबाव में थी। उन्होंने दलील दी कि शिकायत दर्ज करने में 3 साल से ज़्यादा की देरी अस्वाभाविक है और मामले के झूठ की ओर इशारा करती है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर शिकायतकर्ता ने वास्तव में कथित तौर पर जो कष्ट सहा था, वह उसे किसी ऐसे व्यक्ति को बता सकती, जिस पर उसे भरोसा हो।
यह भी तर्क दिया गया कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध संपूर्ण मौखिक और दस्तावेज़ी साक्ष्यों को छानने से यह स्पष्ट होता है कि अभियोजन पक्ष ने अपने मामले को "गढ़ने और मनगढ़ंत" बनाने की पूरी कोशिश की।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता रेवन्ना परिवार के स्वामित्व वाले फार्महाउस में नौकरानी के रूप में काम करती थी। यह दावा किया गया कि 2021 से COVID-19 लॉकडाउन के दौरान, रेवन्ना ने उसके साथ बार-बार बलात्कार किया और विभिन्न स्थानों पर हमलों का वीडियो बनाया। इसके अलावा, यह भी आरोप है कि रेवन्ना ने वीडियो का इस्तेमाल उसे धमकाने और चुप कराने के लिए किया, जिससे वह शिकायत करने से बच गई।
SIT प्रज्वल के खिलाफ दर्ज दो और मामलों की जांच कर रही है और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। उसे पिछले साल 30 मई को जर्मनी से आने पर बेंगलुरु हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया।
Case Title: State By Special Investigation Team AND Prajwal Revanna

