RT-PCR रिपोर्ट प्राप्त किए बिना ही COVID से कर्नाटक हाईकोर्ट कर्मचारी की मौत, हाईकोर्ट ने लैब के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए
LiveLaw News Network
13 May 2021 8:15 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट के एक कर्मचारी की मृत्यु RT-PCR रिपोर्ट की प्रतीक्षा करते हुए हो गई है, जिसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को फिर से दोहराया कि राज्य सरकार को निर्देश देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी प्रयोगशालाएं 24 घंटे के भीतर टेस्ट परिणाम उपलब्ध कराएं।
कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि आरटीपीसीआर का परिणाम 24 घंटे के भीतर उपलब्ध न कराने वाली संबंधित लैब के खिलाफ कार्रवाई शुरू करे।
मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के एक मृतक कर्मचारी की गंभीर स्थिति के बारे में बात की, जिसने 10 मई को एक टेस्ट करवाया था और 12 मई को उसकी मृत्यु हो गई, तब तक उसे उसके टेस्ट के परिणाम के बारे में सूचित नहीं किया गया था।
अदालत ने मौखिक रूप से कहा, ''यह एक आंखे खोलने वाला मामला है। यह बता रहा है कि किस तरह से सिस्टम काम कर रहा है। उस व्यक्ति को कल रात तक भी यह नहीं बताया गया कि उसका टेस्ट पाॅजिटिव आया है। इसलिए उसे कोई उपचार नहीं दिया गया।''
अदालत ने 22 अप्रैल को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह सभी प्रयोगशालाओं को निर्देश दे कि 24 घंटे के भीतर टेस्ट के परिणाम उपलब्ध कराएं। राज्य को यह भी निर्देश दिया गया था कि न्यायालय के निर्देश का पालन न करने वाली प्रयोगशालाओं के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार करे।
आज पीठ ने अपने आदेश में कहा, ''रिपोर्ट से पता चलता है कि 10 मई को 11.06.53 बजे सर सीवी रमन जनरल अस्पताल की प्रयोगशाला ने स्वाब टेस्ट का नमूना एकत्रित किया था। प्रयोगशाला को 22 घंटे के बाद स्वाब का नमूना मिला। ऐसा प्रतीत होता है कि नमूने का टेस्ट 11 मई को किया गया था और परिणाम 11 मई को दोपहर 13.43 बजे तैयार किया गया था। रजिस्ट्री ने इस बात की पुष्टि की है कि मृत्यु के समय तक टेस्ट का परिणाम मृतक के परिजनों को सूचित नहीं किया गया था।'' मरीज की 12 मई को मौत हो गई थी।
अदालत ने कहा कि,''इस अदालत ने निर्देश जारी किया था कि टेस्ट का परिणाम स्वाब टेस्ट लेने के 24 घंटे के अंदर रोगी को सूचित किया जाना चाहिए। हम केवल इस मामले को इसलिए नहीं उठा रहे हैं क्योंकि संबंधित व्यक्ति इस अदालत का कर्मचारी है। हम इस अदालत के आदेश के कार्यान्वयन और नागरिकों के जीवन के बारे में चिंतित हैं।''
तदनुसार कोर्ट ने कहा कि ''हम राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि वह इस चूक के लिए जिम्मेदार उक्त प्रयोगशाला के खिलाफ कार्रवाई शुरू करे और अगली तारीख पर कार्रवाई की रिपोर्ट को कोर्ट के समक्ष पेश करे। हम राज्य सरकार को यह भी निर्देश देते हैं कि वह सभी प्रयोगशालाओं को निर्देश जारी करे कि न्यायालय द्वारा जारी किए गए निर्देश का पालन किया जाए ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में न दोहराया जाए।''