प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का मज़ाक उड़ाने के आरोप में गिरफ्तार डॉक्टर को मिली ज़मानत

Amir Ahmad

9 July 2025 1:56 PM IST

  • प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का मज़ाक उड़ाने के आरोप में गिरफ्तार डॉक्टर को मिली ज़मानत

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा निर्मित एक वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का कथित तौर पर मज़ाक उड़ाने के आरोप में गिरफ्तार डॉक्टर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी।

    पेशे से हड्डी रोग विशेषज्ञ मुश्ताक अहमद पर भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य), 197(1)(डी) (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुँचाने वाले आरोप, अभिकथन) और 2023 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    जस्टिस एन.एस. शेखावत ने कहा,

    "याचिकाकर्ता को 17.05.2025 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है। अभियोजन पक्ष ने अभी तक अपराध में याचिकाकर्ता की संलिप्तता साबित करने के लिए सबूत पेश नहीं किए हैं। इस स्तर पर याचिकाकर्ता से कुछ भी बरामद नहीं किया जाना है और जाँच लगभग पूरी हो चुकी है। इसके अलावा याचिकाकर्ता वरिष्ठ नागरिक हैं और सहानुभूतिपूर्वक विचार के पात्र हैं।"

    न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता की आगे की हिरासत से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

    यह विवाद तब शुरू हुआ, जब अहमद ने 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौते की घोषणा के तुरंत बाद 14 मई को फेसबुक पर कथित तौर पर तीन एडिटेड वीडियो अपलोड किए। इनमें से एक वीडियो प्रधानमंत्री मोदी का एआई-जनरेटेड क्लिप था, जिसमें वह पाकिस्तान से संबंधित कुछ टिप्पणियाँ करते दिखाई दे रहे थे।

    याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर वकील बिपन घई ने दलील दी कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों से भी बीएनएस की धारा 152, 197(1)(डी) के तहत कोई अपराध नहीं बनता है।

    उन्होंने आगे तर्क दिया कि पुलिस ने याचिकाकर्ता के पासपोर्ट की जांच की थी और पाया गया था कि 1990 के बाद याचिकाकर्ता पिछले 35 वर्षों में कभी पाकिस्तान नहीं गया।

    उन्होंने आगे कहा,

    "यहां तक कि संबंधित वीडियो भी याचिकाकर्ता द्वारा नहीं बनाया गया बल्कि उसने केवल वीडियो फॉरवर्ड किया। कथित अपराध के साथ उसका कोई संबंध होने का कोई सबूत नहीं है।"

    सीनियर एडवोकेट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अहमद एक वरिष्ठ नागरिक हैं और वृद्धावस्था संबंधी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं, जो प्रस्तुत मेडिकल डॉक्यूमेंट्स से स्पष्ट है।

    दूसरी ओर राज्य के एडवोकेट ने याचिकाकर्ता के वकील द्वारा प्रस्तुत दलीलों का इस आधार पर कड़ा विरोध किया कि याचिकाकर्ता पर गंभीर आरोप लगाए गए और वह ज़मानत के हकदार नहीं हैं।

    मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी किए बिना न्यायालय ने याचिका स्वीकार कर ली।

    टाइटल: मुश्ताक अहमद बनाम हरियाणा राज्य

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